Petrol-Diesel Price: अक्सर कहा जाता है कि हर भारतीय का दिन दो चीजों से शुरू होता है—सूरज की पहली किरण और पेट्रोल-डीजल की ताज़ा कीमतें। यह बात अब एक तरह की सच्चाई बन चुकी है, क्योंकि ईंधन की दरें सिर्फ गाड़ियों में भरने के काम नहीं आतीं; ये सीधे तौर पर पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं। सड़क पर चलने वाला हर वाहन, बाजार तक पहुँचने वाली हर सब्जी, कार्यालय जाने वाला हर कर्मचारी—सबकी जेब पर ईंधन दरों का असर पड़ता है। यही कारण है कि रोज़ सुबह 6 बजे तेल कंपनियों द्वारा जारी की जाने वाली नई दरें केवल एक सूचना नहीं, बल्कि कई लोगों के लिए दिनभर की रणनीति का आधार बन जाती हैं।
भारत में राज्यवार पेट्रोल कीमतें (₹ में)
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | पेट्रोल मूल्य (₹) | मूल्य परिवर्तन |
|---|---|---|
| अंडमान एवं निकोबार | ₹82.46 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹109.63 | 0.00 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹90.66 | -0.01 |
| असम | ₹98.19 | -0.09 |
| बिहार | ₹105.42 | -0.18 |
| चंडीगढ़ | ₹94.30 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹99.44 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव | ₹92.44 | 0.00 |
| दिल्ली | ₹94.77 | 0.00 |
| गोवा | ₹96.71 | +0.15 |
| गुजरात | ₹94.97 | +0.32 |
| हरियाणा | ₹95.95 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹95.32 | 0.00 |
| जम्मू एवं कश्मीर | ₹96.60 | -0.11 |
| झारखंड | ₹97.86 | -0.19 |
| कर्नाटक | ₹102.92 | -0.06 |
| केरल | ₹107.48 | +0.15 |
| लद्दाख | ₹102.71 | -0.73 |
| लक्षद्वीप | ₹100.75 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹106.52 | +0.19 |
| महाराष्ट्र | ₹103.54 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹99.14 | -0.05 |
| मेघालय | ₹96.33 | +0.01 |
| मिजोरम | ₹99.26 | -0.39 |
| नागालैंड | ₹97.74 | -0.14 |
| ओडिशा | ₹101.19 | +0.16 |
| पुडुचेरी | ₹96.26 | -0.13 |
| पंजाब | ₹98.28 | -0.05 |
| राजस्थान | ₹104.99 | +0.27 |
| सिक्किम | ₹103.30 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹100.80 | 0.00 |
| तेलंगाना | ₹107.46 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹97.53 | -0.20 |
| उत्तर प्रदेश | ₹94.72 | +0.03 |
| उत्तराखंड | ₹93.21 | -0.53 |
| पश्चिम बंगाल | ₹105.41 | 0.00 |
पिछले दो साल से ईंधन कीमतें स्थिर
मई 2022 देश के लिए एक महत्वपूर्ण समय था, जब केंद्र और कई राज्य सरकारों ने ईंधन पर लगाए गए टैक्स में कटौती की। इसके बाद से आज तक पेट्रोल और डीजल की दरों में अपेक्षाकृत स्थिरता बनी हुई है। यह स्थिरता सिर्फ टैक्स कटौती का परिणाम नहीं, बल्कि एक संतुलित नीति का हिस्सा है।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं—कभी युद्ध, कभी आपूर्ति संकट, कभी मांग में तेज उछाल—इन सभी का असर भारत पर पड़ता है। फिर भी उपभोक्ताओं को रोज़ बढ़ती कीमतों का बोझ नहीं उठाना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार और तेल कंपनियां दरों को तार्किक और स्थिर बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं ताकि महंगाई और उपभोक्ताओं की जेब पर अत्यधिक दबाव न पड़े।
भारत में राज्यवार डीज़ल कीमतें (₹ में)
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | डीज़ल मूल्य (₹) | मूल्य परिवर्तन |
|---|---|---|
| अंडमान एवं निकोबार | ₹78.05 | 0.00 |
| आंध्र प्रदेश | ₹97.47 | 0.00 |
| अरुणाचल प्रदेश | ₹80.21 | 0.00 |
| असम | ₹89.42 | -0.08 |
| बिहार | ₹91.67 | -0.16 |
| चंडीगढ़ | ₹82.45 | 0.00 |
| छत्तीसगढ़ | ₹93.39 | 0.00 |
| दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव | ₹87.94 | 0.00 |
| दिल्ली | ₹87.67 | 0.00 |
| गोवा | ₹88.47 | +0.14 |
| गुजरात | ₹90.65 | +0.33 |
| हरियाणा | ₹88.40 | 0.00 |
| हिमाचल प्रदेश | ₹87.36 | -0.05 |
| जम्मू एवं कश्मीर | ₹83.43 | -0.10 |
| झारखंड | ₹92.62 | -0.20 |
| कर्नाटक | ₹90.99 | -0.05 |
| केरल | ₹96.38 | +0.17 |
| लद्दाख | ₹87.72 | -0.66 |
| लक्षद्वीप | ₹95.71 | 0.00 |
| मध्य प्रदेश | ₹91.89 | +0.17 |
| महाराष्ट्र | ₹90.03 | 0.00 |
| मणिपुर | ₹85.21 | -0.05 |
| मेघालय | ₹87.81 | +0.26 |
| मिजोरम | ₹88.04 | -0.60 |
| नागालैंड | ₹88.85 | -0.14 |
| ओडिशा | ₹92.77 | +0.17 |
| पुडुचेरी | ₹86.47 | -0.13 |
| पंजाब | ₹88.09 | -0.05 |
| राजस्थान | ₹90.45 | +0.24 |
| सिक्किम | ₹90.45 | 0.00 |
| तमिलनाडु | ₹92.39 | 0.00 |
| तेलंगाना | ₹95.70 | 0.00 |
| त्रिपुरा | ₹86.55 | -0.19 |
| उत्तर प्रदेश | ₹87.85 | +0.04 |
| उत्तराखंड | ₹88.03 | -0.65 |
| पश्चिम बंगाल | ₹92.02 | 0.00 |
कच्चा तेल: वैश्विक बाज़ार की धड़कन
कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें ईंधन दरों का आधार होती हैं। यह कीमतें कई वैश्विक कारणों से प्रभावित होती हैं—मध्य पूर्व में तनाव, ओपेक देशों के उत्पादन में बदलाव, वैश्विक मंदी, आर्थिक नीतियाँ आदि।
भारत दुनिया का एक बड़ा तेल आयातक है, इसलिए जब कच्चा तेल महंगा होता है, इसका सीधा असर भारत पर आता है। कच्चे तेल की कीमतें गिरें तो राहत, बढ़ें तो बोझ—इतना सरल समीकरण नहीं है, लेकिन प्रभाव निश्चित रूप से स्पष्ट नजर आता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया: छोटी गिरावट, बड़ा असर
भारत कच्चा तेल डॉलर में खरीदता है। ऐसे में यदि रुपया कमजोर होता है, तो ईंधन की कीमतें स्वतः बढ़ जाती हैं। कई बार अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल सस्ता होता है, लेकिन रुपये की कमजोरी उस राहत को समाप्त कर देती है। यानी कीमतें तय करने में मुद्रा की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी खुद कच्चे तेल की।
सरकारी टैक्स और राज्यों का अंतर
पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य का बड़ा हिस्सा टैक्स होता है। केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क लेती है, जबकि राज्य वैट वसूलते हैं। इतने बड़े टैक्स ढांचे की वजह से राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं।
कई बार कीमतों की स्थिरता में सरकारें टैक्स घटाकर राहत देती हैं, ठीक वैसा ही जैसा 2022 में हुआ।