भारत में पेट्रोल की कीमतें स्थिर, उत्सव सीजन में राहत का संकेत
देशभर में आज पेट्रोल के दामों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। 23 अक्टूबर 2025 को जारी ताज़ा दरों के अनुसार, मुंबई में पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर पर स्थिर है। वहीं दिल्ली में ₹94.77, कोलकाता में ₹105.41 और चेन्नई में ₹100.80 प्रति लीटर की दरें दर्ज की गईं। इस स्थिरता ने उपभोक्ताओं को कुछ राहत दी है, खासकर तब जब उत्सव सीजन के दौरान वाहन उपयोग बढ़ जाता है।
महानगरों में स्थिरता, कुछ राज्यों में मामूली उतार-चढ़ाव
देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी पेट्रोल की दरों में मामूली परिवर्तन दर्ज हुआ है। गुरुग्राम में कीमत ₹95.51 प्रति लीटर तक पहुंची, जबकि नोएडा में ₹94.87 रही। जयपुर में ₹105.40 और पटना में ₹105.41 प्रति लीटर की दरें दर्ज की गईं। दक्षिण भारत के शहरों में भी स्थिति लगभग समान रही—हैदराबाद में ₹107.46 और तिरुवनंतपुरम में ₹107.30 प्रति लीटर।
वहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कर ढांचे की वजह से कीमतें अभी भी ₹105 से ऊपर बनी हुई हैं।
Petrol Price in Indian Metro Cities & State Capitals (as of 23rd Oct, 2025):
केंद्रीय तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार—
City | Price (₹/Ltr) | Price Change (₹) |
---|---|---|
New Delhi | 94.77 | 0.00 |
Kolkata | 105.41 | 0.00 |
Mumbai | 103.50 | 0.00 |
Chennai | 100.80 | -0.11 |
Gurgaon | 95.51 | +0.25 |
Noida | 94.87 | +0.10 |
Bangalore | 102.92 | -0.07 |
Bhubaneswar | 100.93 | -0.26 |
Chandigarh | 94.30 | 0.00 |
Hyderabad | 107.46 | 0.00 |
Jaipur | 105.40 | +0.68 |
Lucknow | 94.69 | 0.00 |
Patna | 105.41 | +0.18 |
Thiruvananthapuram | 107.30 | -0.18 |
State-wise Petrol Price in India (as of 23rd Oct, 2025)
State / UT | Price (₹/Ltr) | Price Change (₹) |
---|---|---|
Andaman & Nicobar Islands | 82.46 | 0.00 |
Andhra Pradesh | 109.65 | 0.00 |
Arunachal Pradesh | 90.67 | 0.00 |
Assam | 98.19 | 0.00 |
Bihar | 105.41 | 0.00 |
Chandigarh | 94.30 | 0.00 |
Chhattisgarh | 99.65 | 0.00 |
Dadra & Nagar Haveli and Daman & Diu | 92.44 | 0.00 |
Delhi | 94.77 | 0.00 |
Goa | 96.69 | 0.00 |
Gujarat | 94.85 | 0.00 |
Haryana | 95.91 | 0.00 |
Himachal Pradesh | 95.32 | 0.00 |
Jammu & Kashmir | 97.27 | 0.00 |
Jharkhand | 97.86 | 0.00 |
Karnataka | 102.92 | 0.00 |
Kerala | 107.30 | 0.00 |
Ladakh | 102.56 | 0.00 |
Lakshadweep | 100.75 | 0.00 |
Madhya Pradesh | 106.62 | 0.00 |
Maharashtra | 103.50 | 0.00 |
Manipur | 99.19 | 0.00 |
Meghalaya | 96.33 | 0.00 |
Mizoram | 99.26 | 0.00 |
Nagaland | 97.28 | 0.00 |
Odisha | 100.93 | 0.00 |
Puducherry | 96.26 | 0.00 |
Punjab | 98.30 | 0.00 |
Rajasthan | 105.40 | 0.00 |
Sikkim | 103.30 | 0.00 |
Tamil Nadu | 100.80 | 0.00 |
Telangana | 107.46 | 0.00 |
Tripura | 97.60 | 0.00 |
Uttar Pradesh | 94.69 | 0.00 |
Uttarakhand | 93.49 | 0.00 |
West Bengal | 105.41 | 0.00 |
इन दरों में स्थिरता बनी रहने का कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में नियंत्रण और सरकार द्वारा लगाए जाने वाले करों में फिलहाल कोई बदलाव न होना है।
अंतरराष्ट्रीय कारक और मुद्रा विनिमय दर का प्रभाव
भारत में पेट्रोल की कीमतें केवल घरेलू कारकों पर निर्भर नहीं करतीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दरें, डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती या कमजोरी और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता भी अहम भूमिका निभाती हैं। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में यदि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर नहीं होता, तो पेट्रोल की दरें इसी स्तर पर बनी रह सकती हैं।
सरकारी नीतियों की भूमिका और कर संरचना
भारत में पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकारें भारी कर लगाती हैं, जो कुल कीमत का लगभग 50% हिस्सा होता है। केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं। इसलिए हर राज्य में पेट्रोल की दरें अलग-अलग होती हैं।
कई बार चुनावी राज्यों में सरकारें अस्थायी रूप से टैक्स घटा देती हैं ताकि आम जनता को राहत दी जा सके। हाल में केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि यदि कच्चे तेल की दरों में वृद्धि नहीं होती, तो उपभोक्ताओं को टैक्स में राहत दी जा सकती है।
पेट्रोल की मांग और उपभोग में निरंतर वृद्धि
भारत में पेट्रोल की खपत हर साल बढ़ती जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2023 में देश में लगभग 220 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल और उससे जुड़े उत्पादों की खपत हुई।
बढ़ती वाहन बिक्री और उपभोक्ता क्रेडिट की सुविधा के चलते पेट्रोल वाहनों की मांग में कमी नहीं आई है, भले ही इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की उपलब्धता बढ़ी हो।
वाहन ऋण और आसान ईएमआई विकल्पों के चलते युवा वर्ग विशेष रूप से पेट्रोल वाहनों की खरीदारी को प्राथमिकता दे रहा है।
भविष्य की संभावनाएं: स्थिरता या वृद्धि?
ऊर्जा विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले महीनों में पेट्रोल की दरों में बड़ी गिरावट की संभावना कम है। हालांकि, यदि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि होती है या डॉलर-रुपया विनिमय दर स्थिर रहती है, तो उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिल सकती है।
भारत सरकार ने रिफाइनिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाया है ताकि भविष्य में आयात पर निर्भरता घटाई जा सके और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जा सके।