नए संवत वर्ष में शेयर बाजार से सकारात्मक उम्मीदें
मुंबई, 20 अक्टूबर – दो साल की मजबूत तेजी के बाद, संवत 2081 में भारतीय शेयर बाजारों ने कुछ ठहराव देखा। निफ्टी और सेंसेक्स ने क्रमशः 6.8% और 5.8% की सीमित बढ़त दर्ज की। अब विश्लेषकों का मानना है कि संवत 2082, जो मंगलवार से शुरू हुआ है, निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है और इस वर्ष 10-15% तक के रिटर्न की संभावना बन रही है।
हालांकि, बाजार मूल्यांकन (Valuations) पिछले वर्ष की ऊंचाइयों से थोड़ा कम हुए हैं, परंतु अब भी दीर्घकालिक औसत से ऊपर हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में कॉरपोरेट आय वृद्धि, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश और आर्थिक विकास की गति यह तय करेंगे कि बाजार कितना आगे बढ़ सकता है।
संवत 2081 में सीमित बढ़त, मिडकैप-स्मॉलकैप पर दबाव
संवत 2081 में बेंचमार्क इंडेक्सेस में सीमित बढ़त देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 ने 5.8% की वृद्धि दर्ज की, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 2.1% की गिरावट आई। यह गिरावट लगातार दो वर्षों (संवत 2079 और 2080) में 30% से अधिक की तेजी के बाद दर्ज की गई।
इस वर्ष अमेरिकी व्यापार नीतियों के प्रभाव, जैसे भारतीय निर्यात पर अधिक टैरिफ और वीज़ा शुल्क वृद्धि, ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) चीन जैसे अधिक आकर्षक बाजारों की ओर झुक गए, जिससे भारतीय बाजारों की रफ्तार सीमित रही।
नामुरा की रिपोर्ट: आय में सुस्ती जारी, FY27 से सुधार की उम्मीद
नामुरा की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कॉरपोरेट अर्निंग्स में चक्रीय सुस्ती अभी कुछ समय तक बनी रह सकती है। सुधार की संभावनाएं वित्तीय वर्ष 2027 (अप्रैल 2026 से शुरू) में दिख सकती हैं। ब्रोकरेज हाउस ने निफ्टी 50 के लिए मार्च 2026 तक का लक्ष्य 26,140 तय किया है, जो FY27 के अनुमानित ₹1,245 प्रति शेयर आय (EPS) के 21 गुना मूल्यांकन पर आधारित है।
आर्थिक नीतियां और कर सुधार से मिल सकता है सहारा
विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र सरकार के टैक्स सुधार, जीएसटी सरलीकरण और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती जैसे कदम इक्विटी बाजारों को सहारा दे सकते हैं। हालांकि, घरेलू मांग, रोजगार वृद्धि और बचत दर में सुस्ती इन लाभों को कुछ हद तक संतुलित कर सकती है।
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सह-संस्थापक प्रमोद गुब्बी का कहना है, “निजी पूंजी निवेश (Private Capex) की वापसी ही असली परिवर्तन लाएगी। सरकार के राजकोषीय संतुलन के प्रयासों के कारण सार्वजनिक खर्च में कमी आ रही है, इसलिए अब निजी निवेशकों को आगे आना होगा।”
उन्होंने कहा कि “जीएसटी और आयकर में कटौती से उपभोक्ताओं के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त राशि आई है, जिससे मांग में सुधार दिख रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या यह उपभोग वृद्धि निजी निवेश को भी गति दे पाती है।”
निजी पूंजी निवेश की कमी बनी मुख्य चिंता
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब तक निजी पूंजी व्यय (Capex) में मजबूती नहीं आती, तब तक व्यापक और स्थायी सुधार सीमित रह सकता है। हालांकि, बाजार मूल्यांकन अब महंगे स्तरों से घटकर ‘फेयर वैल्यू’ क्षेत्र में पहुंच गए हैं, जिससे निवेशकों के लिए जोखिम अपेक्षाकृत संतुलित दिखाई दे रहा है।
वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ज्योतिवर्धन जयपुरिया के अनुसार, “मैं अगले वर्ष को लेकर सकारात्मक हूं। मुझे उम्मीद है कि लगभग 14% की अर्निंग ग्रोथ होगी, जिससे बाजार को दो अंकों का रिटर्न मिल सकता है। मूल्यांकन सस्ते नहीं हैं, लेकिन अब यथोचित स्तर पर हैं, इसलिए रिटर्न कम लेकिन स्थिर रह सकते हैं।”
आने वाले महीनों में क्या रहेगा फोकस
विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले महीनों में निवेशकों की नजर कॉरपोरेट परिणामों, विदेशी निवेश प्रवाह, और आरबीआई की मौद्रिक नीतियों पर रहेगी। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में संभावित कटौती और अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों की दिशा भी बाजार के लिए निर्णायक कारक होंगे।
साथ ही, खुदरा निवेशक वर्ग का तेजी से बढ़ना भारतीय इक्विटी बाजार की मजबूती का आधार बना हुआ है। म्यूचुअल फंड्स और एसआईपी के जरिए घरेलू प्रवाह लगातार बढ़ रहे हैं, जो विदेशी निवेश के पलायन के बावजूद बाजार को स्थिर बनाए हुए हैं।
निष्कर्ष: अनुशासित निवेश से मिलेगा स्थायी लाभ
संवत 2082 में भारतीय शेयर बाजार के लिए उम्मीदें सकारात्मक हैं। हालांकि तेज उछाल की संभावना सीमित है, परंतु स्थिर और संतुलित बढ़त की संभावना अधिक है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशक अल्पकालिक सट्टेबाजी से बचें और अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाएं। लंबी अवधि की सोच और नियमित निवेश रणनीति अपनाने वाले निवेशक आने वाले वर्ष में 10-15% तक के स्वस्थ रिटर्न की उम्मीद रख सकते हैं।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी और बाजार के रुझानों पर आधारित है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है। निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें। लेख में उल्लिखित कंपनियों, शेयरों या आंकड़ों में समय के साथ परिवर्तन संभव है। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार के आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।