TCS Q2 2025 परिणाम: भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी की वित्तीय स्थिति पर नजर
डिजिटल डेस्क। भारत की सबसे बड़ी IT सेवा निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2FY26) के अपने वित्तीय परिणाम जारी किए हैं। इस तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 12,075 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 1.4% अधिक है। वहीं, कंपनी का राजस्व 2% बढ़कर 57,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंचा।
हालांकि, TCS ने मीडिया कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया, जो 9 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे आयोजित होने वाली थी। सूत्रों के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने का कारण रतन टाटा की पुण्यतिथि थी। इसके बावजूद, एनालिस्ट कॉल नियत समय पर आयोजित की गई।
कर्मचारी छंटनी और एट्रिशन का प्रभाव
TCS इस समय अपने कर्मचारियों की संरचना में बड़ा बदलाव कर रही है। कंपनी ने FY26 में लगभग 2% हेडकाउंट कम करने की योजना बनाई है। छंटनी मुख्य रूप से कुशलताओं की कमी और कुछ स्तरों पर पुन: नियोजन न होने के कारण की जा रही है। प्रभावित कर्मचारियों को सवरेंस पैकेज भी दिए जा रहे हैं, जिससे लागत में वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि Q2FY26 में कर्मचारियों की छंटनी और एट्रिशन दर पर अपडेट निवेशकों और उद्योग जगत के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
H-1B वीज़ा और अंतरराष्ट्रीय कारोबार
TCS ने पिछले वर्षों में अमेरिका में H-1B वीज़ा पर अपनी निर्भरता घटाकर 50% से कम कर दी है। इसके बावजूद, यह अमेरिका में टॉप IT कंपनियों के H-1B वीज़ा आवंटन में बड़ी हिस्सेदारी रखती है। हाल में प्रस्तावित H-1B वीज़ा नियमों और शुल्क वृद्धि के कारण यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि TCS स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की भर्ती कैसे करेगी और इसके मार्जिन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वेतन वृद्धि और मार्जिन पर प्रभाव
Q2FY26 में कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और संरचना लागत का सामना करना पड़ा। ब्रोकर एजेंसियों का अनुमान है कि TCS का ऑपरेटिंग मार्जिन 24.5% के आसपास स्थिर रहेगा या क्रमिक रूप से 20bps कम हो सकता है।
डिमांड आउटलुक और नए कॉन्ट्रैक्ट
TCS ने सितंबर तिमाही में मजबूत डील्स हासिल की हैं, जिसमें स्कैंडिनेवियन गैर-जीवन बीमा कंपनी Tryg के साथ 640 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि BFSI और टेक्नोलॉजी वर्टिकल में डिस्क्रिशनरी टेक खर्च बढ़ रहा है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव, कम्युनिकेशंस और रिटेल सेक्टर कमजोर रहे हैं।
कंपनी की टिप्पणियों से IT सेक्टर में मांग का परिदृश्य स्पष्ट होगा, क्योंकि TCS का सबसे बड़ा ऑर्डर बुक टॉप पांच भारतीय IT कंपनियों में सबसे अधिक है।
TCS Q2FY26 के परिणाम दर्शाते हैं कि कंपनी ने नेट प्रॉफिट और राजस्व में मामूली वृद्धि दर्ज की है, जबकि कर्मचारियों की छंटनी, H-1B वीज़ा और वेतन वृद्धि जैसे मुद्दे मार्जिन और ऑपरेशंस पर असर डाल सकते हैं। निवेशक और उद्योग विशेषज्ञ अगली तिमाही में कंपनी के BSNL प्रोजेक्ट और अंतरराष्ट्रीय डील्स के रैंप अप के प्रभाव पर ध्यान देंगे।
इस तिमाही के परिणाम IT सेक्टर में निवेशकों, विश्लेषकों और बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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