आठवां वेतन आयोग: कर्मचारियों को एरियर के लिए करना होगा लंबा इंतजार, 2029 से पहले नहीं मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन

8th Pay Commission
8th Pay Commission: कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बुरी खबर, एरियर भुगतान 2029 तक टल सकता है। जानिए क्या बोले AIRF के शिव गोपाल मिश्रा और आयोग की चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई का अगला कदम। (File Photo)
नवम्बर 13, 2025

आठवें वेतन आयोग पर नई चर्चा, कर्मचारियों की उम्मीदें फिर टलीं

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच लंबे समय से चल रही उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर एरियर भुगतान की जो चर्चाएँ चल रही थीं, अब उनमें नया मोड़ आ गया है।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने संकेत दिए हैं कि कर्मचारियों को अपना बकाया एरियर पाने के लिए 2029 तक इंतजार करना पड़ सकता है।

चुनावी साल से जुड़ सकता है एरियर भुगतान का फैसला

शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि सरकार अपने राजनीतिक और आर्थिक समीकरणों के अनुसार फैसले लेती है। उनके अनुसार,
“संभावना यही है कि लोकसभा चुनाव 2029 से पहले या उसी दौरान एरियर का भुगतान किया जाएगा ताकि सरकार इस निर्णय का राजनीतिक लाभ भी उठा सके।”
पहले यह माना जा रहा था कि कर्मचारियों को 2027 या दीवाली 2028 तक एरियर मिल जाएगा, लेकिन अब यह संभावना लगभग खारिज होती दिख रही है।

आयोग की रिपोर्ट कब तक आएगी?

मिश्रा ने कहा कि पे कमीशन की सामान्य अवधि 18 महीने की होती है, परंतु यूनियन चाहती है कि आयोग इस बार अपनी रिपोर्ट एक वर्ष के भीतर तैयार कर दे।
उन्होंने बताया कि आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई से आग्रह किया जाएगा कि रिपोर्ट शीघ्र तैयार कर सरकार को सौंप दी जाए, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।

यूनियन की भूमिका और सरकार से सीधी बात

एआईआरएफ के महासचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आयोग खुद एरियर लागू करने की सिफारिश नहीं करता, तो यूनियन सीधे सरकार से संपर्क करेगी।
उनके अनुसार,
“हमारा प्रयास रहेगा कि 1 जनवरी 2026 से आयोग की सिफारिशें लागू हो जाएँ। इसके आधार पर सरकार को एरियर भुगतान की प्रक्रिया भी पहले ही शुरू करनी चाहिए।”

आठवें वेतन आयोग का दायरा क्या है?

आठवां वेतन आयोग न केवल कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करेगा, बल्कि पेंशन, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसे मुद्दों पर भी निर्णय देगा।
सरकार चाहती है कि यह आयोग एक संतुलन बनाए रखे ताकि राजकोषीय दबाव बढ़े बिना कर्मचारियों की संतुष्टि बनी रहे।

आयोग यह भी देखेगा कि राज्य सरकारों पर इसका क्या असर पड़ेगा और साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि PSU और प्राइवेट सेक्टर के वेतन ढांचे के बीच संतुलन बना रहे।

आयोग के सदस्य कौन हैं?

सरकार ने आयोग में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है—

  • न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई – अध्यक्ष

  • प्रोफेसर पुलक घोष – अंशकालिक सदस्य

  • पंकज जैन – सदस्य-सचिव

यह आयोग समय-समय पर अंतरिम रिपोर्ट भी जारी कर सकता है ताकि कर्मचारियों को तात्कालिक राहत मिल सके, भले ही पूर्ण रिपोर्ट में देरी हो।

क्या मिलेगा अंतरिम लाभ?

कर्मचारी संगठनों का मानना है कि सरकार आगामी आम चुनावों के मद्देनज़र कुछ अंतरिम राहत देने पर विचार कर सकती है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा राजकोषीय घाटा को देखते हुए सरकार तत्काल कोई बड़ा वित्तीय निर्णय लेने से बच सकती है।

कुल मिलाकर, कर्मचारियों के लिए राहत की राह अभी लंबी दिख रही है। एरियर और बढ़े हुए वेतन का लाभ पाने के लिए 2029 तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
फिलहाल, सभी निगाहें आयोग की रिपोर्ट और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

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