डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते हुए सैन्य और राजनीतिक रिश्तों के बीच एक नई डिफेंस डील चर्चा में है। पाकिस्तान को अमेरिका से AIM-120 एडवांस मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें मिलने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइलें पाकिस्तानी वायुसेना की क्षमता को और मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं।
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नजदीकियों का प्रभाव
हाल के महीनों में पाकिस्तान लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करता नजर आया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने कई बार अमेरिका की यात्रा की और अपने अच्छे संबंधों का इजहार किया। इस चापलूसी का असर अब पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य तोहफे के रूप में दिखाई दे रहा है।
मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन का सैन्य टकराव हुआ। इस टकराव के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते और भी मजबूत हुए। पाकिस्तान ने कई अवसरों पर अमेरिकी नेतृत्व की सराहना की, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ा।
AIM-120 मिसाइल: पाकिस्तानी वायुसेना के लिए गेम चेंजर
AIM-120 AMRAAM मिसाइलें बेहद एडवांस और खतरनाक मानी जाती हैं। ये मिसाइलें हवा से हवा में दुश्मन के विमान को निशाना बनाने और उसे मार गिराने में सक्षम हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग ने हाल ही में इस मिसाइलों की आपूर्ति को लेकर एक अनुबंध को अंतिम रूप दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिसाइलें पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए अपग्रेड का काम करेंगी। इससे पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
डिफेंस डील की वित्तीय जानकारी
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, रेथियॉन कंपनी को 41.6 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त ऑर्डर दिया गया है। इस डील की कुल वैल्यू अब लगभग 2.51 बिलियन डॉलर हो गई है। यह डील 2030 तक पूरी होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पाकिस्तान को कुल कितनी मिसाइलें मिलेंगी।
पाकिस्तान के पास पहले से ही सी3 वर्जन की 500 से अधिक मिसाइलें हैं, जो 2010 में एफ-16 के साथ खरीदी गई थीं। नए मिसाइलों के आने से उनकी एयरफोर्स और भी सशक्त हो जाएगी।
भारत पर पड़ सकता है प्रभाव
पाकिस्तान की अमेरिका के साथ यह डिफेंस डील भारत के लिए चुनौती बन सकती है। माना जा रहा है कि AIM-120 मिसाइलें एफ-16 विमानों पर इंस्टॉल की जाएंगी और ये 100 किलोमीटर की दूरी से भारतीय विमानों को निशाना बना सकती हैं।
साल 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान ने इसी तरह की मिसाइल का उपयोग कर भारत के Mig-21 विमान को मार गिराया था। इस घटना में पायलट अभिनंदन वर्थमान को पकड़ा गया था। अब नई मिसाइलों के आने से पाकिस्तानी एयरफोर्स और अधिक ताकतवर बन जाएगी।
क्षेत्रीय सुरक्षा और भविष्य
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मिसाइल डील से भारत-पाक सैन्य संतुलन में बदलाव संभव है। वहीं, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों के कारण दक्षिण एशिया में रणनीतिक समीकरण और जटिल हो सकते हैं। इस डील से न सिर्फ पाकिस्तानी एयरफोर्स सशक्त होगी, बल्कि भारत की हवाई सुरक्षा को चुनौती मिल सकती है।
अंततः यह डिफेंस डील दक्षिण एशियाई भू-राजनीति में नया मोड़ ला सकती है। पाकिस्तान की वायुसेना को मिलने वाली AIM-120 मिसाइलें क्षेत्रीय सुरक्षा और सामरिक संतुलन पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं।