चक्रवात ‘मोंथा’ का खतरा: एनडीआरएफ ने 45 टीमें तैनात कीं, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में जारी अलर्ट
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (PTI): देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवात ‘मोंथा’ के बढ़ते खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने 45 रेस्क्यू टीमों को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार कर दिया है। यह चक्रवात मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जबकि झारखंड और तमिलनाडु में भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
कितनी टीमें और कहां तैनात
NDRF ने बताया कि 45 टीमों में से 25 टीमों को अग्रिम रूप से विभिन्न राज्यों में भेजा जा चुका है, जबकि बाकी 20 टीमें स्टैंडबाय पर रखी गई हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत तैनात किया जा सके।
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आंध्र प्रदेश में: 10 टीमें
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ओडिशा में: 6 टीमें
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तमिलनाडु और तेलंगाना में: 3-3 टीमें
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छत्तीसगढ़ में: 2 टीमें
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पुडुचेरी में: 1 टीम
इसके अलावा, देशभर में 20 अतिरिक्त टीमें रणनीतिक स्थानों पर तैयार रखी गई हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत राहत अभियान शुरू किया जा सके।

उपकरण और तैयारियां
एनडीआरएफ ने बताया कि सभी टीमों को नौकाओं, आयरन वुड कटर, संचार उपकरणों और विशेष रेस्क्यू टूल्स से लैस किया गया है ताकि राहत, बचाव और पुनर्स्थापन कार्य तेजी से हो सके।
फोर्स ने कहा, “एनडीआरएफ टीमें स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सार्वजनिक जागरूकता अभियान चला रही हैं और संवेदनशील इलाकों में समुदायों को सचेत कर रही हैं ताकि समय पर निकासी और सुरक्षा निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो।”
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ मंगलवार सुबह लगभग 5:30 बजे एक गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में तब्दील हो गया।
IMD ने बताया कि यह तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास मछिलीपट्टनम और कनगरत्नम के बीच तट से टकरा सकता है।
तूफान के दौरान 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो 110 किमी/घं तक तेज झोंकों में बदल सकती हैं।
संभावित प्रभाव और चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान से प्रभावित इलाकों में
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भारी वर्षा,
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तेज हवाएं,
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बिजली गिरने की घटनाएं,
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और समुद्र में ऊंची लहरों का उठना संभव है।
तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और प्रशासन ने निकासी और राहत केंद्रों को तैयार रखने का निर्देश दिया है।
चक्रवात का नाम और उत्पत्ति
‘मोंथा (Montha)’ नाम थाईलैंड ने दिया है, जो एक सुगंधित फूल के नाम पर आधारित है। यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी से उठा है और फिलहाल पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी से होकर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
प्रशासनिक सतर्कता
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों को एनडीआरएफ, नौसेना और वायुसेना के साथ समन्वय में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं, बिजली, संचार और परिवहन विभागों को संभावित नुकसान के मद्देनज़र इमरजेंसी प्लान सक्रिय करने को कहा गया है।
संक्षेप में:
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चक्रवात का नाम: मोंथा (Montha)
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मुख्य प्रभाव क्षेत्र: आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, झारखंड
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हवा की रफ्तार: 90–110 किमी/घं तक
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एनडीआरएफ टीमें: कुल 45 (25 तैनात, 20 स्टैंडबाय)
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स्थिति: गंभीर चक्रवाती तूफान घोषित