‘शक्ति’ चक्रवात ने लिया तीव्र रूप
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अरब सागर में विकसित हुआ ‘शक्ति’ चक्रवात अब ‘तीव्र तूफ़ान’ में बदल गया है। यह 2025 में उत्तर हिंद महासागर बेसिन में विकसित पहला तूफ़ान है। हालांकि, यह भारतीय तट से काफी दूर है, इसलिए पश्चिमी तट के लिए प्रत्यक्ष खतरा नहीं है।
IMD ने बताया कि पिछले छह घंटों में चक्रवात पश्चिम की ओर 13 किमी/घंटा की गति से बढ़ा और इसकी हवा की गति 90-100 किमी/घंटा (गुस्तिंग 110 किमी/घंटा) तक पहुँच गई है।
समुद्री और तटीय स्थिति
चक्रवात द्वारका से 420 किमी पश्चिम, नालिया से 420 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम, और पाकिस्तान के कराची से 290 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम स्थित है।
IMD ने चेतावनी जारी की है कि गुजरात-महाराष्ट्र तटों पर रफ सागर, तेज़ हवाएँ और ऊँची लहरें मंगलवार तक बनी रहेंगी। तटीय मछुआरों को उत्तर-पश्चिम अरब सागर में जाने से परहेज़ करने के लिए कहा गया है।
हवाओं की गति और प्रभाव
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शनिवार को उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व अरब सागर में तेज़ हवाएँ, गति 110 किमी/घंटा तक।
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सोमवार तक हवा की गति 60-100 किमी/घंटा बनी रहेगी।
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समुद्री क्षेत्र में सख्त मौसम और ऊँची लहरें मछुआरों और तटीय क्षेत्रवासियों के लिए जोखिमपूर्ण होंगी।
क्षेत्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य
पिछले महीने प्रशांत महासागर बहुत सक्रिय रहा और फिलीपींस, चीन और पड़ोसी तटीय देशों में कई बड़े तूफ़ान आए, जिनमें टाइफून तापा, रागासा, नीओगुरी और बुलोई शामिल हैं। कुछ तूफ़ान बंगाल की खाड़ी में पुनः प्रवेश कर गए।
उत्तर हिंद महासागर बेसिन, जिसमें अरब सागर और बंगाल की खाड़ी शामिल हैं, चक्रवातों के लिए संवेदनशील है, विशेषकर पूर्व-मॉनसून (मार्च-मई) और बाद-मॉनसून (अक्टूबर-दिसंबर) अवधि में।
‘शक्ति’ चक्रवात अब तीव्र तूफ़ान में बदल चुका है, और मछुआरों एवं तटीय निवासियों के लिए सतर्कता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। IMD की चेतावनी के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक समुद्री गतिविधियों में सावधानी बरतनी होगी।