आंध्र प्रदेश में गूगल का बड़ा निवेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
गूगल ने हाल ही में 15 अरब डॉलर का निवेश आंध्र प्रदेश में करने की घोषणा की है। इस निवेश का उद्देश्य राज्य में एआई और डेटा हब की स्थापना करना है। इस फैसले के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि गूगल के CEO सुंदर पिचाई स्वयं तमिलनाडु से हैं।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्रियों ने इस फैसले को राज्य की डिजिटल प्रगति और निवेश आकर्षण की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में सुधारित नीतियों, बेहतर अवसंरचना और निवेश अनुकूल माहौल ने कंपनियों को आकर्षित किया।
तमिलनाडु में राजनीतिक बहस
तमिलनाडु में इस मामले को लेकर सत्ताधारी DMK और विपक्षी AIADMK आमने-सामने आ गए हैं। AIADMK प्रमुख एडप्पाडी पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार निवेश लाने में असफल रही। उन्होंने कहा कि सुंदर पिचाई के तमिल होने के बावजूद राज्य में निवेश को आकर्षित नहीं किया जा सका।
वहीं AIADMK के वरिष्ठ नेता आरबी उदयकुमार ने इस अवसर को “इतिहासिक मौका” बताया और DMK सरकार की निष्क्रियता और दूरदृष्टि की कमी को दोषी ठहराया।
DMK का पलटवार
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि राज्य को पहले ही Foxconn की 15 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिल चुकी है, जो आईफोन जैसी उच्च तकनीकी डिवाइस बनाती है। उन्होंने कहा कि निवेश की दिशा में तमिलनाडु लगातार प्रयासरत है और अन्य आईटी एवं डिजिटल प्रोजेक्ट भी राज्य में योजना में हैं।
आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश का बयान
आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने सोशल मीडिया पर गूगल के निवेश की घोषणा के बाद केवल तीन शब्द लिखे – “He Chose Bharat”। यह संदेश तेजी से वायरल हो गया और राजनीतिक मंचों पर चर्चाओं का विषय बन गया।
लोकेश का कर्नाटक पर तंज
नारा लोकेश ने इससे पहले भी कर्नाटक पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था, “Karnataka is Feeling the burn”, जब बेंगलुरु के कुछ उद्योगपतियों ने राज्य की खराब सड़कों और अव्यवस्थित ट्रैफिक का हवाला देते हुए ऑफिस शिफ्ट करने की योजना बनाई। लोकेश ने विजाग को बेहतर विकल्प बताते हुए स्थानीय निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश की।
निवेश का महत्व और भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल का यह निवेश आंध्र प्रदेश के लिए तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, एआई और डेटा हब का विकास होगा और अन्य निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।
इसके अलावा, यह निवेश तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा और नीतिगत रणनीतियों पर प्रभाव डाल सकता है। राजनीतिक दल अब निवेश आकर्षित करने के लिए रणनीतियों और घोषणाओं में तेजी ला सकते हैं।