India Elected to INTERPOL Asian Committee: सिंगापुर में आयोजित 25वें एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन (Asian Regional Conference) में भारत को इंटरपोल एशियाई समिति का सदस्य चुना गया है। यह चुनाव 19 सितम्बर 2025 को बहु-स्तरीय मतदान प्रक्रिया से सम्पन्न हुआ। इस उपलब्धि को भारत की बढ़ती वैश्विक नेतृत्व क्षमता और अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन में उसकी सक्रिय भूमिका का महत्वपूर्ण प्रमाण माना जा रहा है।
इंटरपोल एशियाई समिति की भूमिका
इंटरपोल एशियाई समिति का उद्देश्य एशियाई क्षेत्रीय सम्मेलन को उसके कार्यों के निर्वहन में सहयोग देना और सदस्य देशों के बीच प्रभावी विचार-विमर्श सुनिश्चित करना है। यह समिति अपराध नियंत्रण संबंधी रणनीतिक प्राथमिकताओं की पहचान करती है और क्षेत्रीय पुलिस सहयोग के मुद्दों पर सुझाव देती है।
INTERPOL Asian Committee: भारत की भागीदारी का महत्व
भारत की सदस्यता से क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूती मिलेगी। खासकर संगठित अपराध, साइबर अपराध, मानव तस्करी, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने में सहयोग बढ़ेगा। यह कदम भारत के वैश्विक पुलिसिंग लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने के उसके प्रयासों को दर्शाता है।
Also Read : Durga Puja 2025: वर्षा ऋतु के जाने और दुर्गोत्सव के आगमन का संदेश दे रहे कास के फूल
Also Read : रांची में ‘ईस्ट टेक 2025’ का भव्य आगाज़, खेलगांव स्टेडियम में प्रदर्शित हुई स्वदेशी रक्षा तकनीकें
Also Read : DUSU Election 2025: ABVP उम्मीदवार Aryan Maan ने बड़े अंतर से जोसलीन चौधरी को पराजित किया
Also Read : नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता, हजारीबाग में 3 इनामी माओवादी मुठभेड़ में ढेर
Also Read : झारखंड में सुरक्षा बलों ने 5 लाख के इनामी TSPC के स्वयंभू कमांडर को मुठभेड़ में मार गिराया
Also Read : चारा घोटाला का पर्दाफाश करने वाले 1985 बैच के आईएएस अमित खरे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव बने
वार्षिक बैठकें और रणनीति
समिति हर वर्ष बैठक आयोजित करेगी जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार किया जाएगा और सदस्य देशों के बीच समन्वित प्रयासों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। इस भूमिका से भारत को अंतरराष्ट्रीय पुलिस ढांचे और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान का अवसर मिलेगा।
- सिंगापुर सम्मेलन में भारत इंटरपोल एशियाई समिति का सदस्य चुना गया।
- समिति का उद्देश्य क्षेत्रीय अपराध नियंत्रण रणनीति और पुलिस सहयोग को बढ़ाना है।
- भारत की सदस्यता से आतंकवाद, साइबर अपराध और मानव तस्करी के खिलाफ सहयोग मजबूत होगा।
- यह जीत सीबीआई और भारतीय कूटनीतिक प्रयासों की संगठित रणनीति का परिणाम है।
- भारत की बढ़ती वैश्विक कानून प्रवर्तन नेतृत्व की पहचान है यह उपलब्धि।
भारत की कूटनीतिक सफलता
इस जीत का श्रेय भारत की व्यापक और संगठित अभियान को दिया जा रहा है। इसमें भारतीय दूतावासों, उच्चायोगों, तथा राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB-India) और सीबीआई की सक्रिय भागीदारी रही। हमारी कूटनीतिक टीम ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर मित्र राष्ट्रों से समर्थन प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप भारत की जीत सुनिश्चित हुई।
Also Read : दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस महामंत्री एनएल कुमार ने की प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस में बदलाव की मांग
Also Read : नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का वाराणसी से है गहरा नाता
Also Read: Birsa Munda: सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के लिए समितियों का गठन
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इंटरपोल में उच्च स्तर पर भारतीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति का एक लंबा इतिहास रहा है। इस चुनाव के साथ भारत ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक अग्रणी शक्ति बन चुका है।
यह उपलब्धि न केवल भारत की वैश्विक साख को और मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जटिल और अंतरराष्ट्रीय खतरे जैसे कि साइबर हमले, आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने में भारत एक जिम्मेदार और प्रभावी भागीदार है।
Also Read : नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का वाराणसी से है गहरा नाता
Also Read : ADR Report: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन समेत देश में 40 फीसदी मुख्यमंत्रियों पर आपराधिक केस
Also Read: Mohan Bhagwat News: राम मंदिर जैसे किसी आंदोलन में संघ अब भाग नहीं लेगा, बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत
Also Read: PM Modi on Trump Tariff: नहीं झुकेंगे, किसानों, लघु उद्योगों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे