बहिष्कार की धमकी
मुंबई। मलबार गोल्ड एंड डायमंड्स, जो एम.पी. अहमद के स्वामित्व में है, धनतेरस और दीपावली के त्योहारों से पहले ऑनलाइन आलोचना और बहिष्कार अभियान का सामना कर रहा है। विवाद तब शुरू हुआ जब कंपनी ने यूके की इन्फ्लुएंसर आलिश्बा खालिद के साथ सहयोग किया।
खालिद ने मई 2025 में पाकिस्तान पर भारत की ऑपरेशन सिंदूर सैन्य कार्रवाई की आलोचना की थी। इसके कारण सोशल मीडिया पर बहिष्कार की अपीलें तेज हो गईं।
सोशल मीडिया पर हलचल
विजय पटेल नामक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ने 15 अक्टूबर को एक पोस्ट में 6 सितंबर को बर्मिंघम में हुए इवेंट का खुलासा किया। इसके बाद विवाद बढ़ा और कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज किया। कोर्ट के आदेश पर X प्लेटफॉर्म से 400 से अधिक आलोचनात्मक पोस्ट हटा दी गईं।
कंपनी का बयान
मलबार गोल्ड ने राजनीतिक संलिप्तता से इनकार किया और इस विवाद को साजिश करार दिया। कंपनी ने साफ किया कि उनके स्टूडेंट स्कॉलरशिप या सोर्सिंग में किसी धार्मिक भेदभाव का कोई आधार नहीं है। विभिन्न फैक्ट-चेक्स ने इस विवाद को भी खारिज किया।
महत्त्व
यह विवाद भारत के प्रमुख त्योहारों के समय हुआ है, जिससे कंपनी की ब्रांड छवि और बिक्री प्रभावित होने का खतरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी न बरतने से बड़ी व्यावसायिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया हो सकती है।