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राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए मोबाइल अलर्ट सिस्टम शुरू

NHAI Reliance Highway: राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को मिलेगी सुरक्षा
NHAI Reliance Highway: राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को मिलेगी सुरक्षा (File Photo)
एनएचएआई और रिलायंस जियो ने मिलकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर मोबाइल आधारित सुरक्षा अलर्ट सिस्टम शुरू किया है। इसके तहत चालकों को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, कोहरे, आवारा पशुओं और आपातकालीन मार्ग परिवर्तन की तुरंत सूचना मिलेगी। यह पहल तकनीक और बुनियादी ढांचे के मेल से सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने का महत्वपूर्ण कदम है।
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देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए अब सुरक्षा का एक नया कवच तैयार हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई ने रिलायंस जियो के साथ मिलकर एक ऐसी व्यवस्था शुरू की है जो चालकों को उनके मोबाइल फोन पर सीधे सुरक्षा से जुड़े संदेश भेजेगी। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यात्रियों की जान बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

इस नई व्यवस्था के तहत जब भी कोई व्यक्ति राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ी चला रहा होगा, उसे अपने मोबाइल पर तुरंत सूचना मिल जाएगी कि आगे किस तरह का खतरा हो सकता है। यह संदेश समय पर मिलने से चालक सतर्क हो सकेगा और दुर्घटना से बच सकेगा। यह पहल दिखाती है कि कैसे तकनीक का इस्तेमाल करके सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सकता है।

किस तरह की जानकारी मिलेगी चालकों को

इस नई सुविधा के माध्यम से ड्राइवरों को कई तरह की जरूरी सूचनाएं उनके मोबाइल पर भेजी जाएंगी। सबसे पहले, उन्हें उन इलाकों के बारे में बताया जाएगा जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। इससे चालक पहले से ही सावधान हो जाएगा और गति धीमी कर सकेगा।

दूसरा, जिन इलाकों में कोहरा या धुंध की समस्या रहती है, वहां भी पहले से ही अलर्ट भेजा जाएगा। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में उत्तर भारत के राजमार्गों पर कोहरे के कारण कई बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। अब ड्राइवरों को समय पर चेतावनी मिल जाएगी।

तीसरा, आवारा पशुओं की आवाजाही की सूचना भी दी जाएगी। भारत के कई राजमार्गों पर गाय, भैंस, कुत्ते या अन्य जानवर अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे बड़े हादसे हो जाते हैं। इस सिस्टम से चालकों को इसकी भी जानकारी पहले से मिलेगी।

चौथा, अगर किसी राजमार्ग पर आपातकालीन स्थिति के कारण रास्ता बदलना पड़े तो उसकी सूचना भी तुरंत भेजी जाएगी। इससे यात्री गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे और समय की बचत होगी।

तकनीक और बुनियादी ढांचे का संगम

यह योजना दो बड़ी शक्तियों के मेल से बनी है। एक तरफ जियो का विशाल डिजिटल नेटवर्क है जो देश के कोने-कोने में पहुंचता है। दूसरी तरफ एनएचएआई के पास राजमार्गों की पूरी जानकारी और आंकड़े हैं। जब ये दोनों मिलकर काम करते हैं तो एक मजबूत और भरोसेमंद व्यवस्था तैयार होती है।

जियो का नेटवर्क इतना मजबूत है कि वह एक साथ लाखों लोगों तक संदेश पहुंचा सकता है। यह सिस्टम स्थान के हिसाब से काम करेगा यानी जो चालक जिस इलाके में होगा, उसे उसी जगह की जानकारी मिलेगी। यह बहुत ही सटीक और उपयोगी व्यवस्था है।

एनएचएआई के पास राजमार्गों पर लगे कैमरे, सेंसर और अन्य उपकरणों से मिलने वाला डेटा होता है। इस डेटा का विश्लेषण करके यह पता लगाया जाता है कि कहां और कब खतरा हो सकता है। फिर इस जानकारी को जियो के नेटवर्क के माध्यम से चालकों तक पहुंचाया जाता है।

सड़क सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम

भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोगों की जान चली जाती है। इनमें से कई दुर्घटनाएं ऐसी होती हैं जिन्हें रोका जा सकता था अगर समय पर सही जानकारी मिल जाती। यह नई व्यवस्था इसी कमी को पूरा करने का प्रयास है।

जब चालक को पहले से ही पता होगा कि आगे खतरनाक मोड़ है या फिसलन भरी सड़क है, तो वह अपनी गति कम कर लेगा। अगर उसे कोहरे की चेतावनी मिलेगी तो वह लाइट जला लेगा और और भी सतर्क हो जाएगा। इन छोटी-छोटी सावधानियों से बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।

स्मार्ट राजमार्गों की ओर कदम

यह पहल भारत को स्मार्ट राजमार्गों की दिशा में ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। दुनिया के विकसित देशों में पहले से ही ऐसी व्यवस्थाएं काम कर रही हैं। अब भारत भी इस दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

स्मार्ट राजमार्ग का मतलब है कि सड़कें सिर्फ आने-जाने का साधन नहीं बल्कि एक बुद्धिमान व्यवस्था बन जाएं। जहां सेंसर, कैमरे, डिजिटल साइन बोर्ड और मोबाइल अलर्ट सब मिलकर यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखें।

आने वाले समय में इस सिस्टम में और भी सुविधाएं जोड़ी जा सकती हैं। जैसे नजदीकी अस्पताल, पेट्रोल पंप, खाने की जगह या आराम करने की जगह की जानकारी देना। साथ ही ट्रैफिक की स्थिति बताना और वैकल्पिक रास्ते सुझाना भी संभव हो सकेगा।

अधिकारियों का क्या कहना है

एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सड़कें बनाना काफी नहीं है, बल्कि उन पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है। तकनीक के माध्यम से सक्रिय रूप से जानकारी देना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

रिलायंस जियो के प्रतिनिधियों ने भी इस पहल को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उनका नेटवर्क इतना मजबूत और विश्वसनीय है कि वह बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं तक एक साथ संदेश पहुंचा सकता है। यह सेवा लगातार और बिना रुकावट के चलती रहेगी।

आम लोगों को क्या करना होगा

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को अपने मोबाइल फोन को साथ रखना होगा और जियो नेटवर्क से जुड़े रहना होगा। संभवतः एक ऐप या SMS के माध्यम से ये अलर्ट मिलेंगे। यात्रियों को इन संदेशों को गंभीरता से लेना होगा और उसके अनुसार सावधानी बरतनी होगी।

यह व्यवस्था तभी सफल होगी जब लोग इसका सही इस्तेमाल करेंगे और चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करेंगे। सरकार और कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे सही और सटीक जानकारी दें, लेकिन उस पर अमल करना लोगों की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर मोबाइल आधारित सुरक्षा अलर्ट सिस्टम की शुरुआत एक सराहनीय कदम है। यह सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में तकनीक के सही इस्तेमाल का एक बेहतरीन उदाहरण है। एनएचएआई और जियो की इस साझेदारी से न केवल दुर्घटनाएं कम होंगी बल्कि यात्रा भी अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनेगी। यह पहल भारत को आधुनिक और सुरक्षित बुनियादी ढांचे वाले देश की ओर ले जाने में मददगार साबित होगी।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।