भारत में पेट्रोल के दाम स्थिर, मुंबई में ₹103.50 प्रति लीटर, 11 महीने से नहीं हुआ बदलाव
भारत में पेट्रोल के दामों में पिछले 11 महीनों से कोई बदलाव नहीं देखा गया है। 5 नवंबर 2025 को देश के प्रमुख महानगरों में पेट्रोल की कीमतें लगभग समान बनी हुई हैं। मुंबई में आज पेट्रोल का भाव ₹103.50 प्रति लीटर दर्ज किया गया, जो दिसंबर 2024 से अब तक अपरिवर्तित है।
पेट्रोल की दरें स्थिर रहने के प्रमुख कारण
पेट्रोल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, घरेलू कर ढांचे और रुपये-डॉलर के विनिमय दर पर निर्भर करते हैं। बीते एक वर्ष में भारत सरकार और तेल कंपनियों ने खुदरा दरों में स्थिरता बनाए रखी है ताकि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखा जा सके।
भारत में पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की दरों के बावजूद अपेक्षाकृत अधिक हैं, जिसका मुख्य कारण उच्च कर संरचना है। केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर लगाए गए कर पेट्रोल के खुदरा मूल्य में बड़ा हिस्सा रखते हैं।
प्रमुख महानगरों में पेट्रोल की दरें
| शहर | कीमत (₹/लीटर) | परिवर्तन |
|---|---|---|
| नई दिल्ली | ₹94.77 | 0.00 |
| मुंबई | ₹103.50 | 0.00 |
| कोलकाता | ₹105.41 | 0.00 |
| चेन्नई | ₹100.80 | -0.10 |
| गुरुग्राम | ₹95.84 | +0.34 |
| नोएडा | ₹94.87 | +0.10 |
| बेंगलुरु | ₹102.55 | -0.37 |
| पटना | ₹105.73 | +0.15 |
| हैदराबाद | ₹107.46 | 0.00 |
| जयपुर | ₹104.41 | -0.31 |
राज्यों के अनुसार पेट्रोल दरों की स्थिति
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, सबसे महंगा पेट्रोल आंध्र प्रदेश (₹109.83) में और सबसे सस्ता अंडमान निकोबार (₹82.46) में उपलब्ध है। वहीं लद्दाख में पेट्रोल की दर ₹103.44 प्रति लीटर दर्ज की गई।
कई राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और कर्नाटक में मामूली गिरावट दर्ज की गई, जबकि अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार और हरियाणा में हल्की बढ़ोतरी देखी गई।
भारत में पेट्रोल उपभोग और प्रभाव
भारत एक विकासशील देश है और यहां पेट्रोल का उपभोग हर वर्ष बढ़ रहा है। वर्ष 2023 में देश ने लगभग 220 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की खपत की।
त्योहारी सीजन के दौरान वाहनों की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि देखी गई, जिससे पेट्रोल की मांग में भी उछाल आया। रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 80% वाहन पेट्रोल आधारित हैं और नए खरीदारों में अधिकतर 35 वर्ष से कम आयु के हैं।
क्यों नहीं गिर रहे पेट्रोल के दाम
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से पूरी तरह नहीं जुड़ी हैं। दरअसल, पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए एक्साइज ड्यूटी और वैट कीमतों को नियंत्रित करते हैं।
हालांकि सरकार ने आयात और रिफाइनिंग क्षेत्र में निवेश बढ़ाया है, जिससे भविष्य में आंतरिक उत्पादन से मूल्य स्थिरता की उम्मीद है।
पेट्रोल कीमतों पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख घटक
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कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय दरें
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रुपये की विनिमय दर
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केंद्र और राज्य कर संरचना
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देश में पेट्रोल की मांग और आपूर्ति
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तेल कंपनियों का मुनाफा मार्जिन
विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में यदि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की दरों में भारी उतार-चढ़ाव नहीं हुआ, तो भारत में पेट्रोल की कीमतें दिसंबर 2025 तक स्थिर रह सकती हैं।