प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के अवसर से पहले शनिवार को देश के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात दी। पीएम मोदी ने 24,000 करोड़ रुपये की पीएम धन धान्य कृषि योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य खेती की उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करना और किसानों को ऋण एवं भंडारण सुविधाएं प्रदान करना है।
पीएम धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य
पीएम धन धान्य कृषि योजना का मुख्य लक्ष्य हर खेत तक आधुनिक सिंचाई प्रणाली पहुँचाना, फसल की उत्पादकता बढ़ाना और किसानों को उनके निवेश के लिए सशक्त बनाना है। योजना के तहत देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों के किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। इन जिलों में किसानों की आय और उपज राष्ट्रीय औसत से कम है, इसलिए इस योजना से उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
लाभ पाने वाले जिले और चयन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से की। योजना के तहत जिन 100 आकांक्षी जिलों को शामिल किया गया है, उनका चयन तीन प्रमुख पैरामीटर के आधार पर किया गया:
- खेत से प्राप्त पैदावार की मात्रा
- प्रति खेत खेती की बारंबारता
- किसानों के लिए ऋण और निवेश की उपलब्धता
इन जिलों में कुल लगभग 1.7 करोड़ किसान पीएम धन धान्य कृषि योजना का लाभ प्राप्त करेंगे। योजना के तहत किसानों को 11 मंत्रालयों की 36 से अधिक योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत
पीएम मोदी ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत की। उनका कहना है कि यह सिर्फ दाल उत्पादन बढ़ाने का अभियान नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने का अभियान भी है। इस मिशन के तहत किसानों को बेहतर बीज, उन्नत भंडारण सुविधाएं और उपज की सुनिश्चित खरीद से सीधे लाभ मिलेगा।
निवेश और सरकारी योजना का असर
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दो योजनाओं के माध्यम से सरकार करीब 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रही है। इसका लक्ष्य यह है कि इन आकांक्षी जिलों को 2030 तक राष्ट्रीय औसत तक पहुँचाया जाए। इस पहल से किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा और कृषि क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित होगा।
योजना की महत्वता और भविष्य की संभावनाएँ
पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाना, कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को अपनाना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन योजनाओं से न केवल किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश के किसानों के लिए भाग्य बदलने वाली योजना करार दिया, जो आने वाले वर्षों में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।