“आज ही के दिन मैंने…” — पीएम नरेंद्र मोदी ने याद की अपनी पहली शपथ, गवर्नेंस के 25 साल पूरे होने पर भावुक संदेश साझा किया

PM Modi 25 Years of Governance: नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली शपथ को याद किया, एक्स पर भावुक नोट साझा किया
PM Modi 25 Years of Governance: नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली शपथ को याद किया, एक्स पर भावुक नोट साझा किया
अक्टूबर 7, 2025

पीएम मोदी ने याद किया 24 साल पुराना दिन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने राजनीतिक जीवन के एक ऐतिहासिक पड़ाव को याद किया।
7 अक्टूबर 2001 को जब उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि वही व्यक्ति आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार कार्यभार संभालेंगे।

आज, इस दिन को याद करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा किया और अपने 25वें वर्ष के प्रशासनिक सफर की शुरुआत को ‘देशवासियों के आशीर्वाद का प्रतीक’ बताया।


“देश की सेवा में 25वें वर्ष में प्रवेश” – पीएम मोदी का संदेश

पीएम मोदी ने लिखा,

“2001 में आज ही के दिन, मैंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। देशवासियों के निरंतर आशीर्वाद से, मैं सरकार के मुखिया के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं। भारत की जनता के प्रति मेरी कृतज्ञता। इन वर्षों में मेरा प्रयास यही रहा है कि हम अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाएं और इस महान राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें।”

उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा केवल राजनीतिक उपलब्धियों की नहीं, बल्कि जनसेवा और सुशासन के मूल्यों को साकार करने की यात्रा रही है।


भूकंप और सूखे के बीच शुरू हुई थी पहली जिम्मेदारी

पीएम मोदी ने बताया कि जब 2001 में उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, तब राज्य भीषण भूकंप, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों से जूझ रहा था।
उन्होंने कहा —

“मेरी पार्टी ने मुझे बेहद कठिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी सौंपी थी। जनता की पीड़ा और उम्मीदों ने मुझे सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”


मां के शब्द बने जीवन का मार्गदर्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में अपनी मां हीरा बा को भी याद किया। उन्होंने लिखा,

“जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो मेरी मां ने मुझसे कहा था कि मुझे तुम्हारे काम की समझ नहीं है, लेकिन मैं बस दो चीजें चाहती हूं — तुम हमेशा गरीबों के लिए काम करोगे और कभी रिश्वत नहीं लोगे।”

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तब यह प्रण लिया था कि हर कार्य नेक इरादे से करेंगे और कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा को ही अपना उद्देश्य बनाएंगे।


गुजरात मॉडल से राष्ट्रीय प्रगति तक की यात्रा

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तब गुजरात को लेकर यह धारणा थी कि राज्य अब आगे नहीं बढ़ पाएगा।

“किसानों से लेकर आम नागरिक तक, सब बिजली और पानी की कमी से परेशान थे। उद्योग ठप थे और कृषि क्षेत्र मंदी में था। लेकिन हमने मिलकर गुजरात को सुशासन और विकास का मॉडल बनाया,”
उन्होंने लिखा।

2014 में जब वे प्रधानमंत्री बने, तो उसी सुशासन और विकास की विचारधारा को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाया। आज, भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है, जिसका श्रेय वे “साझा प्रयासों और जनविश्वास” को देते हैं।


“जनता का आशीर्वाद ही सबसे बड़ी पूंजी”

पीएम मोदी ने अपने संदेश के अंत में लिखा —

“मैं हमेशा देशवासियों के आशीर्वाद के लिए कृतज्ञ रहूंगा। यही मेरी असली पूंजी है। 25 वर्षों में मेरी प्रेरणा केवल सेवा रही है और मेरा उद्देश्य रहेगा कि भारत नई ऊँचाइयों तक पहुँचे।”


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com