‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि…’, पीएम मोदी ने तीजन बाई को किया फोन, परिवार हुआ भावुक
नई दिल्ली/दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश की प्रसिद्ध लोक कलाकार तीजन बाई के स्वास्थ्य की जानकारी ली। फोन पर हुई बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने तीजन बाई की बहू वेणु देशमुख से बात की और परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
वेणु देशमुख ने बताया कि पीएम मोदी ने लगभग 1 मिनट 18 सेकंड तक बात की। उन्होंने तीजन बाई की तबीयत और परिवार की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
तीजन बाई के स्वास्थ्य को लेकर चिंता
वेणु देशमुख ने प्रधानमंत्री को बताया कि तीजन बाई ठोस आहार नहीं ले पा रही हैं और फिलहाल उन्हें सूप दिया जा रहा है। उनकी देखभाल के लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनके घर पहुंची और जांच की।
उन्होंने बताया कि फोन आने के बाद पूरा परिवार भावुक हो गया। वेणु देशमुख ने कहा —
“मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि खुद प्रधानमंत्री मोदी जी फोन कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि यदि परिवार को किसी भी प्रकार की आवश्यकता हो, तो सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
डॉक्टरों और प्रशासन की टीम पहुंची घर
पीएम मोदी की बातचीत के बाद दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह और एसडीएम भी गनियारी स्थित तीजन बाई के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार से मुलाकात कर स्वास्थ्य की स्थिति और आवश्यकताओं की जानकारी ली।
परिवार ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
लोककला की वैश्विक पहचान हैं तीजन बाई
तीजन बाई पद्म विभूषण सम्मानित लोक कलाकार हैं, जिन्होंने ‘पंडवानी कला’ के माध्यम से भारत की लोककथा परंपरा को विश्व स्तर पर पहुँचाया। वे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर मानी जाती हैं और देश-विदेश में कई मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं।
लेखक विनोद कुमार शुक्ला का भी हालचाल लिया
इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ला का भी हालचाल जाना। उनके बेटे शाश्वत शुक्ला ने कहा —
“यह देखकर अच्छा लगता है कि देश के प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से एक लेखक का हालचाल पूछ रहे हैं।”
सहानुभूति और संवेदना का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल न केवल संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत की लोक परंपरा, संस्कृति और साहित्य से जुड़ी विभूतियों के प्रति देश के सर्वोच्च नेतृत्व का आदर और मान आज भी उतना ही गहरा है।