भारत की सबसे बड़ी लिस्टिंग 2025: टाटा कैपिटल का IPO हुआ पूरी तरह सब्सक्राइब
टाटा समूह की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल लिमिटेड का ₹15,500 करोड़ का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) बुधवार को पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया।
यह वर्ष 2025 का सबसे बड़ा IPO साबित हुआ है, और पिछले वर्ष के हुंडई मोटर इंडिया के बाद यह भारत की सबसे बड़ी लिस्टिंग मानी जा रही है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के अनुसार, बुधवार (8 अक्टूबर) को सुबह 11:45 बजे तक आईपीओ को कुल 33.48 करोड़ शेयरों के लिए बोलियाँ प्राप्त हुईं, जबकि ऑफर में 33.34 करोड़ शेयर ही उपलब्ध थे।
संस्थागत निवेशकों ने दिखाई मजबूत दिलचस्पी
सबसे अधिक उत्साह क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की श्रेणी में देखा गया, जो 1.19 गुना सब्सक्राइब हुई।
इस श्रेणी में म्यूचुअल फंड्स और विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में बोली लगाई।
गैर-संस्थागत निवेशक (NII) हिस्से में 1.11 गुना, खुदरा निवेशक श्रेणी में 0.84 गुना, जबकि कर्मचारी कोटा में सबसे अधिक 2.33 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज हुआ।
इससे पहले, 3 अक्टूबर को कंपनी ने 135 एंकर निवेशकों से ₹4,642 करोड़ जुटाए थे, जिनमें LIC, Morgan Stanley, Goldman Sachs, Amansa Holdings और कई घरेलू म्यूचुअल फंड शामिल थे।
IPO का ढांचा और मूल्यांकन
टाटा कैपिटल कुल 47.58 करोड़ इक्विटी शेयर पेश कर रही है, जिसमें 21 करोड़ नए शेयर (फ्रेश इश्यू) और 26.58 करोड़ शेयर प्रमोटर टाटा संस व IFC द्वारा ऑफर-फॉर-सेल के रूप में शामिल हैं।
कंपनी ने मूल्य बैंड ₹310 से ₹326 प्रति शेयर तय किया है, जिससे इसका कुल मूल्यांकन लगभग ₹1.38 लाख करोड़ के आसपास बैठता है।
इस प्राइस बैंड पर कंपनी का शेयर FY25 बुक वैल्यू का 3.4–4.1 गुना और अर्निंग्स का 32–38 गुना मूल्यांकन दिखाता है, जो भारत की अन्य बड़ी NBFC कंपनियों के समान है।
ब्रोकरेज हाउसेज़ की राय — “लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब करें”
बाजार विशेषज्ञों और ब्रोकरेज फर्मों ने टाटा कैपिटल के आईपीओ पर मिश्रित लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण रखा है।
SBI Securities ने अपने नोट में कहा कि FY25 में TMFL मर्जर से कंपनी की रिटर्न रेशियो पर असर पड़ा, परंतु आने वाले वर्षों में वाहन-फाइनेंस कारोबार के लाभ में आने से प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार की उम्मीद है।
ICICI Direct ने प्रोविजन कवरेज रेशियो में गिरावट (58.5%) और ब्याज लागत में बढ़ोतरी (7.8%) को लेकर चेतावनी दी है, जो मार्जिन पर दबाव डाल सकती है।
वहीं Aditya Birla Money ने कंपनी के ग्रॉस स्टेज-3 लोन 2.1% और अनसिक्योर्ड लोन 20% तक होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि किसी भी स्लिपेज से लाभांश और पूंजी पर्याप्तता पर असर पड़ सकता है।
फिर भी, विश्लेषकों ने टाटा कैपिटल की AAA क्रेडिट रेटिंग, मजबूत कैपिटल बेस, और विविध रिटेल व SME पोर्टफोलियो को उसकी सबसे बड़ी ताकत बताया है।
कई ब्रोकरेज जैसे Anand Rathi और Aditya Birla Capital ने इसे “Subscribe – Long Term” रेटिंग दी है।
आगे के चरण और फंड का उपयोग
यह पब्लिक इश्यू 8 अक्टूबर को बंद हुआ। शेयर 9 अक्टूबर को अलॉट होंगे और 13 अक्टूबर को NSE तथा BSE पर लिस्टिंग तय है।
फ्रेश इश्यू से प्राप्त पूंजी कंपनी अपने Tier-I कैपिटल को मजबूत करने में लगाएगी ताकि भविष्य में ऋण देने की क्षमता बढ़ सके।
वहीं ऑफर-फॉर-सेल से प्राप्त धनराशि सीधे टाटा संस और IFC को जाएगी।
निवेशकों के लिए क्या संदेश?
टाटा कैपिटल का यह आईपीओ टाटा समूह की वित्तीय ताकत का परिचायक है।
हालाँकि मार्जिन दबाव और उच्च ब्याज लागत जैसे अल्पकालिक जोखिम मौजूद हैं, लेकिन इसकी दीर्घकालिक वृद्धि क्षमता, समूह की साख और व्यापक रिटेल नेटवर्क इसे आकर्षक बनाते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है —
“लघु अवधि में सीमित लाभ संभव है, परंतु दीर्घकालिक निवेशक इस इश्यू को पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।”
Disclaimer:
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