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Diwali 2025: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त और जरूरी नियम

Diwali 2025: जानें मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक नियम, सही समय पर करें आराधना
Diwali 2025: जानें मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक नियम, सही समय पर करें आराधना
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Diwali 2025: मां लक्ष्मी पूजा का शुभ अवसर

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि पर देशभर में दीवाली 2025 मनाई जाएगी। यह पर्व केवल रोशनी और मिठाई का उत्सव नहीं है, बल्कि धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति का भी शुभ अवसर है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती है और घर में खुशहाली बनी रहती है।

दीवाली 2025 की तिथि और समय

  • अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर, 03:44 बजे

  • अमावस्या तिथि समाप्ति: 21 अक्टूबर, 05:54 बजे

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

  • मुख्य पूजा मुहूर्त: शाम 07:08 बजे से रात 08:18 बजे तक

  • प्रदोष काल: शाम 05:46 बजे से रात 08:18 बजे तक

  • वृषभ काल: रात 07:08 बजे से रात 09:03 बजे तक

आज के अन्य शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:43 बजे से प्रातः 12:28 बजे तक

  • अमृत काल: दोपहर 01:40 बजे से दोपहर 03:26 बजे तक

दीवाली पूजा के नियम

  • पूजा के दौरान काले कपड़े पहनने से बचें।

  • किसी से वाद-विवाद न करें और न ही किसी के बारे में नकारात्मक सोचें।

  • घर और मंदिर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।

  • टूटे हुए बर्तन या खंडित मूर्ति का उपयोग न करें।

  • पूजा में केवल पूरी और शुद्ध सामग्री का प्रयोग करें।

दान और पुण्य कार्य

पूजा के बाद दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गरीबों, मंदिरों या जरुरतमंदों में अन्न, धन और कपड़े दान करने से व्यक्ति को धन की कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

मां लक्ष्मी के मंत्र

  1. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
    या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी।
    या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
    सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती।

  2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ।

इन मंत्रों का उच्चारण श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से पूजा का फल अधिक फलदायी होता है।

दीवाली 2025 न केवल रौशनी और मिठाई का पर्व है, बल्कि यह धन, समृद्धि और सुख-शांति का अवसर भी है। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त ध्यान में रखते हुए उचित पूजा नियमों का पालन करना आवश्यक है। साथ ही दान और पुण्य कार्य से घर में धन और खुशहाली बनी रहती है।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com