अवैध संपत्ति मामले में जगन मोहन रेड्डी की अदालत में उपस्थिति
पूर्व आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की सीबीआई अदालत में उपस्थिति ने एक बार फिर राज्य की राजनीति को चर्चा के केंद्र में ला दिया है. वर्षों से जारी अवैध संपत्ति मामले में गुरुवार को हैदराबाद स्थित नामपल्ली विशेष सीबीआई अदालत में उनकी व्यक्तिगत हाजिरी को लेकर पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई. YSR कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और मजबूत राजनीतिक छवि वाले जगन मोहन रेड्डी का अदालत में पहुंचना उनके समर्थकों के लिए शक्ति प्रदर्शन का अवसर भी बन गया. अदालत परिसर के बाहर विशाल संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ दिखी, जो अपने नेता के समर्थन में नारे लगा रही थी और हाथों में बैनर लिए खड़ी थी.
जगन मोहन रेड्डी ने अदालत में सिर्फ चंद मिनट बिताए. इस दौरान उनकी उपस्थिति दर्ज की गई और फिर अदालत ने सुनवाई बंद कर दी. अदालत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वे सीधे अपनी कार में बैठकर लोटस पॉन्ड स्थित अपने निवास की ओर रवाना हुए. अदालत परिसर छोड़ने से पहले उन्होंने अपने समर्थकों का अभिवादन folded hands style में किया, जिसके जवाब में समर्थकों ने ज़ोरदार नारे लगाए. यह दृश्य केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है.

सख्त सुरक्षा व्यवस्था और भारी भीड़
हैदराबाद की नामपल्ली अदालत के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे. पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किया. बड़ी संख्या में जुटी भीड़ ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया था. इस भीड़ का उद्देश्य सिर्फ अपने नेता के प्रति समर्थन जताना ही नहीं था, बल्कि यह दिखाना भी था कि सत्ता में न रहते हुए भी जगन मोहन रेड्डी का राजनीतिक प्रभाव कम नहीं हुआ है. अदालत परिसर के बाहर YSRCP समर्थकों द्वारा लगाए गए नारों से माहौल पूरी तरह चुनावी सभा जैसा प्रतीत हो रहा था.
जगन सुबह विशेष विमान से विजयवाड़ा के गन्नवरम एयरपोर्ट से बेगमपेट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया. स्वागत में बैनर, पोस्टर, और पार्टी के झंडे लहराए गए. समर्थकों ने जगन मोहन रेड्डी के प्रति अपना अटूट विश्वास जताया. इसके बाद वे लोटस पॉन्ड में कुछ समय बिताने के बाद अदालत पहुंचे. यह घटनाक्रम पूरी तरह से नियोजित राजनीतिक रणनीति जैसा दिखाई दिया.

छह साल बाद पहली बार अदालत में शारीरिक उपस्थिति
यह मामला लगभग एक दशक से लंबित है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जगन मोहन रेड्डी ने लगभग छह वर्षों बाद शारीरिक रूप से अदालत में उपस्थिति दर्ज कराई. इससे पहले उन्होंने 10 जनवरी 2020 को, उस समय जब वे मुख्यमंत्री थे, अदालत में पेशी दी थी. मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग कई बार की और उसे अदालत से मंजूरी भी मिलती रही. यहां तक कि सत्ता खोने के बाद भी उन्होंने व्यक्तिगत छूट के लिए याचिका दाखिल की.
हाल ही में जब वे यूरोप यात्रा पर गए थे, तब अदालत ने उन्हें वापसी के बाद व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया था. अदालत ने उन्हें 21 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया था. इसके चलते उन्होंने अंतिम तारीख से एक दिन पहले अदालत में उपस्थित होकर अपने कानूनी दायित्वों का पालन किया.
आरोपों की जड़ें और सीबीआई जांच का आधार
वाई एस जगन मोहन रेड्डी पर आरोप है कि अपने पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के शासनकाल के दौरान कई औद्योगिक घरानों और कंपनियों ने उनके व्यापारिक संस्थानों में भारी निवेश किया, बदले में उन्हें खनन पट्टों, जमीन आवंटन और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलीं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि जगन की कंपनियों में निवेश लाभ के उद्देश्य से नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ पाने के लिए किया गया.
सीबीआई ने इस मामले में अब तक 11 आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें जगन आरोपी नंबर एक के रूप में दर्ज हैं. रिपोर्ट के अनुसार, जगति पब्लिकेशन और भारती सीमेंट जैसे संस्थानों में जो निवेश किया गया, वह बाजार कीमत से कई गुना अधिक था. एजेंसियों का आरोप है कि यह निवेश quid pro quo के सिद्धांत पर आधारित था. इस मामले में भारी संपत्ति अर्जित करने के आरोपों के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाएं भी जांच के दायरे में हैं.
बेल पर रहते हुए राजनीतिक सफर और जनसमर्थन
जगन मोहन रेड्डी 2013 से जमानत पर हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत बनाए रखी. सत्ता में रहते हुए भी उन्होंने अपने खिलाफ चल रही जांचों को राजनीतिक षड्यंत्र बताया और आज भी यही रुख अपनाए हुए हैं. समर्थकों का दावा है कि विपक्षी दल और केंद्र सरकार उन्हें कमजोर करने की कोशिश में हैं. वहीं, विरोधियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए जगन छूट मांगते रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अदालत में उनकी उपस्थिति केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि जनसमर्थन जुटाने का अवसर भी है. अदालत में पेशी को जिस तरह पार्टी ने समर्थन प्रदर्शन में बदल दिया है, उससे यह संकेत मिलता है कि जगन और उनकी पार्टी लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर रणनीति बना रहे हैं.
यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।