आग का भयानक दृश्य
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक प्राइवेट वोल्वो स्लीपर बस में आग लगने से 12 यात्रियों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। यह बस हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही थी। हादसा तड़के सुबह लगभग 4 बजे हुआ जब बस ने नेशनल हाइवे 44 पर एक दोपहिया वाहन से टकरा लिया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, मोटरसाइकिल बस के पिछले हिस्से में फंस गई, जिससे आग की चिंगारी उठी और बस के नीचे फैल गई।
यात्रियों की स्थिति और बचाव प्रयास
बस में कुल 41 लोग सवार थे। आग की तेज़ लपटों के कारण यात्री घबराए और कई लोग कांच तोड़कर इमरजेंसी एग्जिट से भागने में सफल हुए। हालांकि, 12 लोगों की मृत्यु हो गई। शेष यात्रियों को मामूली चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए कुरनूल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हादसे के कारण और प्रारंभिक रिपोर्ट
प्रारंभिक जांच में पता चला कि हादसा बस और मोटरसाइकिल के टकराव के कारण हुआ। मोटरसाइकिल का ईंधन कैप खुला था, जिससे आग की लपटें तेजी से फैल गईं। चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की संभावना का पता लगाने में लगी है।
प्रशासन और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों व मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार दुर्घटना की जाँच कर रही है और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पीवीएन माधव के निर्देश पर पार्टी के वरिष्ठ नेता तुरंत दुर्घटनास्थल पहुंचे और राहत कार्यों में सहयोग किया। स्थानीय प्रशासन ने कहा कि आग में बस पूरी तरह से जल गई है और बचाव कार्य जारी है। स्थानीय लोगों ने भी अपने प्रयासों से कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की।
सुरक्षा मानकों और भविष्य की तैयारी
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए बसों में इमरजेंसी एग्जिट की संख्या बढ़ाने और आग प्रतिरोधी सामग्री के प्रयोग को अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा, चालक और यात्री सुरक्षा नियमों का पालन करना भी अत्यंत आवश्यक है।
कुरनूल बस अग्निकांड ने एक बार फिर सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को उजागर किया है। इस दर्दनाक घटना से सभी को सीख लेने और भविष्य में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।