विवार देर रात एक बार फिर रेल हादसे ने देश को झकझोर दिया। टाटानगर से एर्नाकुलम जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में अचानक भीषण आग लग गई। आग की लपटों ने दो कोच को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। इस दुर्घटना में एक बुजुर्ग यात्री की जलकर मौत हो गई जबकि बाकी सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया। हादसे की खबर सुनते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
घटना आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में स्थित यालामानचिल्ली इलाके में घटी। यह स्थान विशाखापत्तनम से करीब 66 किलोमीटर की दूरी पर है। रविवार रात करीब 12:45 बजे पुलिस को आग लगने की सूचना मिली। पैंट्री कार के बिल्कुल बगल में स्थित बी1 और एम2 कोच में अचानक भयंकर आग की लपटें उठने लगीं।
ट्रेन में सवार थे 158 यात्री
जानकारी के अनुसार दोनों वातानुकूलित कोचों में कुल 158 यात्री सवार थे। बी1 कोच में 82 यात्री थे जबकि एम2 कोच में 76 यात्री मौजूद थे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते दोनों बोगियां आग के हवाले हो गईं। धुएं और आग की लपटों से पूरा माहौल डरावना हो गया था।

लोको पायलट की सूझबूझ से बची जानें
ट्रेन के लोको पायलटों ने समय रहते आग की लपटों को देख लिया। उन्होंने तत्काल ट्रेन रोकने का फैसला किया। ट्रेन रुकते ही यात्रियों में भगदड़ मच गई। लोग किसी तरह अपनी जान बचाने के लिए कोच से बाहर निकलने लगे। आग की लपटों को देखकर यात्री दहशत में आ गए थे। रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने मिलकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।

दमकल की टीम ने बुझाई आग
स्थानीय दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक दोनों कोच पूरी तरह से जलकर राख हो चुके थे। यात्रियों को तो बचा लिया गया लेकिन उनका सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया।

एक बुजुर्ग यात्री की मौत
आग बुझाने के बाद जब बी1 कोच की जांच की गई तो एक बुजुर्ग व्यक्ति का जला हुआ शव मिला। मृतक की पहचान 70 वर्षीय चंद्रशेखर सुंदर के रूप में हुई। वे विजयवाड़ा के रहने वाले थे। भीषण आग की लपटों में फंसकर वे बाहर नहीं निकल सके और जलकर मौत हो गई। यह खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया।

सभी यात्री सुरक्षित
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि चंद्रशेखर सुंदर को छोड़कर बाकी सभी यात्री सुरक्षित हैं। किसी अन्य यात्री को गंभीर चोट नहीं आई है। हालांकि कुछ यात्रियों को धुएं से परेशानी हुई लेकिन उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। इस घटना में कुल 2000 यात्री ट्रेन में सवार थे।
दोनों कोच हटाकर शुरू की गई यात्रा
आग बुझाने और जांच पड़ताल के बाद जली हुई दोनों बोगियों को ट्रेन से अलग कर दिया गया। बाकी कोचों के साथ ट्रेन को फिर से गंतव्य की ओर रवाना किया गया। यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। हालांकि इस घटना से यात्रियों में काफी डर और घबराहट देखी गई।
जांच के आदेश
रेलवे प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा रहा है। क्या यह तकनीकी खराबी थी या कोई अन्य कारण था, इसकी विस्तृत जांच की जाएगी। रेलवे सुरक्षा आयोग भी इस मामले की जांच करेगा।
रेल हादसों की बढ़ती घटनाएं
यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ समय से रेल दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ी हैं। ट्रेनों में आग लगना, पटरी से उतरना जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। इससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।
सुरक्षा उपायों की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रेनों में आधुनिक अग्निशमन यंत्र और सुरक्षा उपकरण होने चाहिए। पुरानी बोगियों को बदलने की जरूरत है। साथ ही रेलवे कर्मचारियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने का बेहतर प्रशिक्षण देना चाहिए। यात्रियों को भी सुरक्षा नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए।
यह हादसा एक दुखद घटना है जिसमें एक बुजुर्ग ने अपनी जान गंवाई। सौभाग्य से बाकी यात्री बच गए। लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए रेलवे को गंभीर कदम उठाने होंगे। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।