अजीत भारती और CJI गवई के बीच विवाद
बेगूसराय (बिहार) निवासी अजीत भारती, जो खुद को मीडिया पर्सनैलिटी और यूट्यूबर बताते हैं, और उनके पॉडकास्ट के दो मेहमानों ने हाल ही में CJI बी. आर. गवई और हिंदू प्रतीक पर चर्चा करते हुए विवादित टिप्पणियाँ कीं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो क्लिप्स में भारती ने कथित तौर पर CJI का अपमान किया और लोगों को भड़काया। घटना के कुछ घंटे बाद ही भारती ने X और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो डालकर CJI का मज़ाक उड़ाया।
जूता फेंकने का प्रयास
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7 अक्टूबर को एक 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की।
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उन्होंने कहा: “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेंगे।”
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किशोर का लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया।
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पुलिस ने लगभग तीन घंटे पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया।
CJI गवई का बयान
CJI गवई ने सितंबर में खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति बहाली से जुड़े मामले में कहा था कि यह एक पुरातात्विक स्थल है और ASI की अनुमति जरूरी है। उन्होंने सोशल मीडिया विवाद के बाद खुली अदालत में कहा कि उनका किसी धर्म का अपमान करने का उद्देश्य नहीं था।
राजनीतिक और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की और कहा कि ऐसा कृत्य अस्वीकार्य है।
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सोनिया गांधी ने कहा कि यह केवल CJI पर हमला नहीं बल्कि संविधान पर हमला है।
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पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने तुरंत प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।
अजीत भारती का पिछला विवाद
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भारती के X पर लगभग 5 लाख फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 7 लाख सब्सक्राइबर हैं।
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पहले भी उन्होंने राहुल गांधी और अन्य मुद्दों पर विवादित टिप्पणियाँ की हैं।