भागलपुर(Bhagalpur), बिहार। आगामी Bihar Election 2025 से पहले राज्य की राजनीति में एक बड़ा मोड़ देखने को मिला है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शनिवार को भागलपुर से यह घोषणा की कि वे बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर Gau-Bhakt प्रत्याशी उतारेंगे। यह ऐलान “गौ मतदाता संकल्प यात्रा” के दौरान किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु शामिल हुए।
Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati: सभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य जी ने कहा कि “सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब गौ माता का संरक्षण किया जाए। गौ रक्षा हमारी आस्था ही नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की आधारशिला है।” उन्होंने जनता से अपील की कि विधानसभा चुनाव में ऐसे उम्मीदवारों को ही वोट दें जो गौ-रक्षा के लिए स्पष्ट और दृढ़ संकल्पित हों।
राष्ट्रीय दलों पर निशाना
अपने भाषण में शंकराचार्य जी ने राष्ट्रीय दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली जाकर विभिन्न राजनीतिक दलों से मिले और “गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने” का आग्रह किया। लेकिन, उनके मुताबिक, किसी भी दल ने इस मुद्दे पर अब तक अपना स्पष्ट रुख नहीं अपनाया।
उन्होंने कहा, “जब राजनीतिक दल मौन रहें तो संतों को आगे आना पड़ता है। अब यह मजबूरी नहीं, बल्कि कर्तव्य है कि हम चुनावी राजनीति में उतरें।”
हर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार
इस घोषणा के साथ ही शंकराचार्य ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बिहार की हर विधानसभा सीट पर स्वतंत्र Gau-Bhakt प्रत्याशी मैदान में होंगे। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशियों की सूची औपचारिक रूप से जारी की जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि शंकराचार्य के प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे, तो यह पारंपरिक जातिगत समीकरणों और मुख्य दलों की रणनीति को चुनौती देगा। विशेषकर ग्रामीण और धार्मिक रूप से सक्रिय इलाकों में यह कदम नए समीकरण बना सकता है।
सांस्कृतिक और धार्मिक संदेश
कार्यक्रम स्थल पर आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला। साधु-संतों के साथ स्थानीय श्रद्धालु भी भारी संख्या में मौजूद थे। पूरे परिसर में “गौ माता की जय” और “सनातन धर्म अमर रहे” के नारों से वातावरण गूंज उठा।
शंकराचार्य जी ने कहा कि गौ-रक्षा का मुद्दा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक है। उनका मानना है कि यदि समाज गौ माता की रक्षा करेगा तो राष्ट्र की आत्मा मजबूत होगी।
Bihar Election 2025 में नया मोर्चा?
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि शंकराचार्य का यह कदम Bihar Election 2025 में तीसरी ताकत के रूप में उभर सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या Gau-Bhakt प्रत्याशी वोटों को अपने पक्ष में समेट पाते हैं या फिर वोट-बैंक की राजनीति में बिखर जाते हैं।
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से गौ-पालन और गौ-संरक्षण भावनात्मक मुद्दे रहे हैं। ऐसे में, यह पहल ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है।
जनता की प्रतिक्रिया
भागलपुर में आयोजित यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। एक साधु ने कहा, “गौ माता की रक्षा और सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए राजनीति में उतरना जरूरी है। अगर हम खुद आगे नहीं आएंगे, तो कौन आएगा?”
वहीं, स्थानीय किसानों का मानना है कि यदि गौ-रक्षा को राजनीतिक मुख्यधारा में स्थान मिलता है, तो यह कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
निष्कर्ष
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का यह ऐलान बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाला है। अब यह देखने की बात होगी कि क्या Gau-Bhakt प्रत्याशी जनता के बीच स्वीकार्यता हासिल कर पाते हैं या मुख्य दलों के बीच यह मुद्दा केवल चर्चा तक सीमित रह जाएगा। लेकिन इतना तय है कि Bihar Election 2025 अब और भी रोचक होने जा रहा है।
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