बिहार चुनाव में भाजपा की विजयी यात्रा
भाजपा ने इस बार 89 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में खुद को स्थापित किया। एनडीए की यह जीत न केवल राजनीतिक स्तर पर बल्कि महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने 85 सीटें प्राप्त कीं और विपक्षी महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा।
अलीनगर से मैथिली ठाकुर का शानदार प्रदर्शन
अलीनगर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी मैथिली ठाकुर ने राजद के विनोद मिश्रा को 11,730 मतों के अंतर से पराजित किया। प्रारंभिक मतगणना से ही मैथिली ने बढ़त बनाकर रखी और अंत तक इस बढ़त को बनाए रखा। उनका यह प्रदर्शन महिला उम्मीदवारों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ।
मोकामा से वीणा देवी की स्थिति
मोकामा सीट पर राजद की वीणा देवी को अनंत कुमार सिंह से हार का सामना करना पड़ा। अनंत ने 91,416 मत प्राप्त किए, जबकि वीणा देवी को 63,210 मत ही मिल सके। इस अंतर ने स्पष्ट किया कि महिला उम्मीदवारों के लिए यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण रहा।
दमदाहा से लेशी सिंह की छठी जीत
दमदाहा विधानसभा सीट पर जदयू की लेशी सिंह ने अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए छठी बार जीत हासिल की। उन्होंने राजद प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को 55,169 मतों के अंतर से पराजित किया। यह जीत उनकी लगातार सफलता और क्षेत्र में जन समर्थन को दर्शाती है।
बेतिया से रेणु देवी की जीत
बेतिया विधानसभा सीट पर भाजपा की रेणु देवी ने विरोधियों की रणनीतियों को असफल कर दिया। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रोहित सिकारिया को 24,665 मतों के अंतर से हराया। बेतिया में इस बार हिंदू मतों का ध्रुवीकरण रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन भाजपा और रेणु देवी की लोकप्रियता ने इसे निरर्थक बना दिया।
काराकाट से ज्योति सिंह का परिणाम
काराकाट विधानसभा सीट से महागठबंधन की ओर से भाकपा माले के अरुण सिंह ने जीत हासिल की। वहीं जदयू के महाबली सिंह और अन्य उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर रही। पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह 23,469 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। इस परिणाम ने यह दिखाया कि महिला उम्मीदवारों के लिए हर क्षेत्र में समान सफलता मिलना आसान नहीं है।
महिला नेतृत्व और बिहार की राजनीति
बिहार चुनाव 2025 में महिला प्रत्याशियों की भागीदारी ने यह स्पष्ट किया कि राजनीतिक परिदृश्य में महिलाओं की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। अलीनगर से मैथिली ठाकुर, दमदाहा से लेशी सिंह और बेतिया से रेणु देवी ने केवल अपनी सीटें नहीं जीतीं, बल्कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का संदेश भी दिया।
भाजपा की यह जीत और एनडीए का बहुमत बिहार की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत कर रहा है। महिला नेतृत्व की यह सफलता युवा महिलाओं और आगामी चुनावों के लिए प्रेरणास्त्रोत साबित होगी।