बिहार चुनावी माहौल: नामांकन पूरा, प्रचार तेज
पटना से, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामांकन पूर्ण कर लिए हैं। राज्य में राजद, कांग्रेस, भाजपा-जदयू, लोजपा(आर), हम और आरएलएम के उम्मीदवारों के साथ-साथ अनेक निर्दलीय भी चुनावी मैदान में हैं। नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न रणनीतियों का सहारा ले रहे हैं।
राजद ने 143, कांग्रेस ने 61, भाजपा-जदयू गठबंधन ने 101-101 और चिराग पासवान की लोजपा (आर) ने 28 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम ने 6-6 उम्मीदवार घोषित किए हैं।
पप्पू यादव ने महागठबंधन पर उठाए सवाल
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि “मैत्रीपूर्ण लड़ाई का कोई औचित्य नहीं है। यह संदेश मतदाताओं तक गलत रूप में जा रहा है। कांग्रेस की सीट पर राजद का चुनाव लड़ना अनुचित है।”
उन्होंने आगे कहा कि “मेरी राय में यह चुनाव मोदी बनाम राहुल का है। यदि ऐसा होता है तो INDIA गठबंधन को लाभ मिलेगा। हर परिस्थिति में राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ने से गठबंधन को फायदा होगा।”
तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणाएँ
राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने घोषणाएँ करते हुए कहा कि “हमने पहले सरकारी नौकरी के अवसर दिए हैं और अब उन सभी जीविका दीदीयों को स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 30,000 रुपये मासिक वेतन और ब्याज-मुक्त ऋण की सुविधा प्रदान करेंगे। इसके साथ ही अन्य सरकारी कार्यों में योगदान देने के लिए 2,000 रुपये मासिक भत्ता भी दिया जाएगा।”
कांग्रेस का JMM विवाद पर बयान
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि “गठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से सारी उलझनें सुलझ जाएँगी। JMM प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होगा, लेकिन बिहार में प्रचार के लिए गठबंधन का समर्थन करेगा। कांग्रेस ने हमेशा गठबंधन के लिए त्याग किया है, इसलिए इस पर कोई आरोप उचित नहीं है।”
भाजपा ने महागठबंधन पर साधा निशाना
भाजपा नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि “महागठबंधन दलितों की बातें करते हैं, लेकिन अपने अति पिछड़े नेताओं का ख्याल नहीं रखते। सीटों के बंटवारे में दिखाया गया उनका व्यवहार ही उनके चरित्र को दर्शाता है।”
भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि “बिहार के मतदाता महागठबंधन को अब ‘महा-लठबंधन’ के नाम से जान रहे हैं। यह दल सीट बंटवारे में असफल रहा, तो सरकार चलाने में कैसे सक्षम होगा।”
दशरथ मांझी के पुत्र का राहुल गांधी से मायूस अनुभव
भागीरथ मांझी ने कहा कि “मैं दिल्ली में चार दिन रहा, सभी कागजात जमा किए, लेकिन टिकट नहीं मिला। राहुल गांधी से मुलाकात का अवसर नहीं मिला। सभी को टिकट मिल गए लेकिन हमें नहीं।”
चुनावी रणनीति और मतदाताओं पर असर
राजनीतिक दलों की यह घोषणाएँ और बयानबाज़ी मतदाताओं के मनोबल और चुनावी निर्णय पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार चुनाव में गठबंधन और दलों के बीच विवाद का असर वोट प्रतिशत और सीटों पर सीधा दिखाई देगा।