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Bihar Chunav: मगध के 26 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए की परीक्षा, महागठबंधन का दबदबा कितना स्थायी?

Bihar Politics
Bihar Politics: मगध के 26 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए की परीक्षा, महागठबंधन की स्थिति पर नजर (file photo)
अक्टूबर 21, 2025

मगध प्रमंडल में चुनावी परीक्षा

पटना। बिहार के मगध प्रमंडल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए की वास्तविक परीक्षा सामने आई है। इस क्षेत्र की 26 विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर महागठबंधन का दबदबा है। आंकड़ों के अनुसार, 26 सीटों में 22 पर महागठबंधन के विधायक हैं। नवादा, गया, औरंगाबाद और अरवल जिले में पिछली बार एनडीए की स्थिति बेहद कमजोर रही थी।

इस बार एनडीए ने रणनीति बदलते हुए कई सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं। वहीं, महागठबंधन ने भी अपनी सीटों की रक्षा के लिए कई प्रत्याशियों में बदलाव किए हैं।


नवादा जिले की पांच सीटों का हाल

नवादा जिले में रजौली विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2020 में राजद के प्रकाश वीर ने जीत दर्ज की थी। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला और यह सीट लोजपा (रा) को सौंपी गई है। विमल चंद्रवंशी इस क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं।

हिसुआ में एनडीए की ओर से अनिल सिंह मैदान में हैं, जिन्होंने पिछली बार दूसरे स्थान पर रहते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था। गोविंदपुर क्षेत्र में राजद के विधायक मो. कामरान इस बार स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

पूर्णिमा यादव, जो पिछली बार जदयू की टिकट पर थीं, इस बार राजद उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। वारसलिगंज क्षेत्र में एनडीए की प्रत्याशी अरुणा देवी ने पिछले चुनाव की सफलता को दोहराने का प्रयास किया है।


गया जिले की दस सीटों पर एनडीए का परख

गया जिले की दस विधानसभा सीटों का जिम्मा इस बार भी एनडीए के पास है, जिसमें भाजपा और हम शामिल हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में गुरुआ, शेरघाटी, बोधगया, बेलागंज व अतरी में राजद ने बढ़त बनाई थी। बाद में बेलागंज में हुए उपचुनाव में जदयू को सफलता मिली।

इस बार बेलागंज को छोड़कर नौ सीटों का प्रभुत्व एनडीए के पास है। इन सीटों में इमामगंज, वजीरगंज, टिकारी, बाराचट्टी, गया टाउन आदि शामिल हैं। एनडीए का उद्देश्य इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत करना है।


औरंगाबाद में महागठबंधन का दबदबा

औरंगाबाद जिले की सभी विधानसभा सीटें महागठबंधन के कब्जे में हैं। गोह, ओबरा, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद और रफीगंज की सीटें एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। इस बार एनडीए ने नवीनगर से और गोह से अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं। कांग्रेस और राजद के प्रत्याशी इन सीटों पर मजबूत स्थिति बनाए हुए हैं।


जहानाबाद जिले में बदलाव

जहानाबाद जिले की तीन सीटों पर इस बार चुनावी समीकरण बदल गया है। जहानाबाद सीट से एनडीए के उम्मीदवार पूर्व सांसद चंद्रेश्वर चंद्रवंशी हैं। घोसी क्षेत्र में पूर्व जदयू प्रत्याशी राहुल इस बार राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मखदूमपुर सीट लोजपा (रा) को सौंपी गई है।


अरवल जिले में दृश्य का परिवर्तन

अरवल जिले की दो विधानसभा सीटों पर एनडीए ने उम्मीदवार बदलकर नया चेहरा मैदान में उतारा है। अरवल से भाजपा के मनोज शर्मा और कुर्था से जदयू के पप्पू वर्मा इस बार चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछली बार पप्पू वर्मा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से चुनाव लड़े थे।

मगध प्रमंडल की 26 सीटों पर एनडीए की चुनौती वास्तविक है। नवादा, गया, औरंगाबाद और अरवल के विभिन्न क्षेत्रों में इस बार प्रत्याशियों में बदलाव के कारण चुनावी समीकरण पहले से अधिक जटिल हो गए हैं। महागठबंधन की मजबूत पकड़ और एनडीए की नई रणनीति के बीच मुकाबला रोचक होने की संभावना है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर एनडीए इन क्षेत्रों में अपनी रणनीति सफल बनाता है तो यह बिहार की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। वहीं, महागठबंधन अपनी मौजूदा स्थिति बचाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष करेगा।

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