सूर्यभान सिंह का इस्तीफा और आंसुओं से भीगा ऐलान
बक्सर ज़िले की बड़हरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी सूर्यभान सिंह ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। टिकट वितरण में अपना नाम न आने के बाद उन्होंने प्रेस वार्ता बुलाकर कहा कि वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बड़हरा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।
इस दौरान सूर्यभान सिंह भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि “मैंने पार्टी की सेवा तन-मन से की, लेकिन मुझे विश्वासघात का सामना करना पड़ा।”
बीजेपी ने दोबारा राघवेंद्र प्रताप सिंह पर जताया भरोसा
सूत्रों के अनुसार, इस बार बड़हरा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को ही उम्मीदवार घोषित किया है।
पार्टी की सूची जारी होते ही कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों में चर्चा तेज हो गई कि सूर्यभान सिंह को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया।
इसी के बाद सूर्यभान सिंह ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया।
भावुक वक्तव्य में छलका दर्द
प्रेस वार्ता के दौरान जब सूर्यभान सिंह से पत्रकारों ने पूछा कि वे अब क्या करेंगे, तो वे भावुक हो गए।
उन्होंने कहा —
“मैंने बीजेपी को परिवार की तरह माना। हमेशा जनता के हित में काम किया। चाहे बाढ़ हो या कोरोना, मैं हमेशा लोगों के साथ रहा। लेकिन जब अवसर देने की बारी आई, तो पार्टी ने मुझे किनारे कर दिया। यह मेरे लिए गहरी चोट है।”
सूर्यभान सिंह ने आगे कहा कि वे अब जनता के बीच से ही अपना भविष्य तय करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन अब जनता ही उनकी असली ताकत है।
सेवा कार्यों से मिली थी पहचान
सूर्यभान सिंह सिर्फ एक राजनीतिक चेहरा नहीं, बल्कि समाजसेवी भी हैं।
उन्होंने वर्षों से गरीब कन्याओं की निशुल्क सामूहिक शादियाँ करवाई हैं।
कोरोना काल में उन्होंने रात-दिन राहत सामग्री और भोजन वितरण का अभियान चलाया था।
उनकी इन पहलों के कारण वे बड़हरा क्षेत्र में एक लोकप्रिय नाम बन चुके हैं।
स्थानीय जनता उन्हें “जनसेवक” कहकर पुकारती है।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की घोषणा
सूर्यभान सिंह ने कहा कि अब वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे और जनता से सीधा संवाद करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय लोग हैं जो अब उनके साथ खड़े हैं।
सूर्यभान सिंह ने यह भी कहा कि “मैं किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि अन्याय और उपेक्षा के खिलाफ मैदान में हूं।”
स्थानीय राजनीति में हलचल
सूर्यभान सिंह के इस्तीफे से बक्सर की राजनीतिक फिज़ा में नई हलचल मच गई है।
पार्टी के भीतर भी इस कदम से असंतोष और गुटबाज़ी के संकेत मिलने लगे हैं।
कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी को अपने समर्पित नेताओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए थी।
विश्लेषकों का मानना है कि सूर्यभान सिंह के निर्दलीय मैदान में आने से बड़हरा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
बीजेपी के लिए चुनौती और समीकरणों में बदलाव
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बड़हरा सीट अब बीजेपी के लिए आसान नहीं रहेगी।
सूर्यभान सिंह का एक मजबूत सामाजिक और जातीय आधार है, जो भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकता है।
यदि विपक्षी दलों का वोट बंटा, तो निर्दलीय सूर्यभान सिंह का प्रदर्शन निर्णायक साबित हो सकता है।
अंतिम संदेश – जनता ही सबसे बड़ी ताकत
सूर्यभान सिंह ने अपने भाषण के अंत में कहा —
“मैं किसी से नाराज़ नहीं, बस दुखी हूं। मैं जनता के बीच से आया हूं और अब जनता के आशीर्वाद से ही आगे बढ़ूंगा।”
उनकी इस बात पर सभा में तालियां गूंज उठीं।
लोगों ने “सूर्यभान सिंह जिंदाबाद” के नारे लगाए।
बड़हरा की सियासत में यह नया मोड़ आने वाले चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है।