जनता ने जताया गुस्सा Ram Bali Singh Yadav MLA पर, रिपोर्ट कार्ड कार्यक्रम विवादित
बिहार की राजनीति में जनता अब अपने जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही की मांग कर रही है। Bihar Election 2025 से पहले यह गुस्सा और अधिक बढ़ गया है। ऐसी ही एक घटना जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र से सामने आई, जहां Ram Bali Singh Yadav MLA अपने पांच वर्षीय कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनता के विरोध का सामना कर रहे थे।
यह भी पढ़ें:
एनडीए पूरी तरह एकजुट, जल्द होगी गठबंधन और सीट बंटवारे की घोषणा: NDA एकजुटता बिहार
घोसी के खपुरा मोड़ स्थित खेल मैदान में आयोजित इस जन-संपर्क कार्यक्रम में भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होते ही यह कार्यक्रम विरोध और नारेबाजी में बदल गया। स्थानीय लोगों ने जोरदार ढंग से अपनी नाराज़गी जताई और विधायक की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए।
जहानाबाद के घोसी विधानसभा क्षेत्र में जनता ने जताया गुस्सा, राम बली सिंह यादव विधायक के रिपोर्ट कार्ड कार्यक्रम में विरोध और नारेबाजी। जनता मांग रही विकास और जवाबदेही।#RamBaliSinghYadavMLA #GhosiAssembly #BiharPolitics #PublicProtest #BiharElection2025 pic.twitter.com/mePOp6wHRS
— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 8, 2025
विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि पूरे कार्यकाल में विधायक ने क्षेत्र की अनदेखी की और घोसी विधानसभा में कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुए। अधिकांश घोषणाएँ केवल कागज़ों तक सीमित रहीं और जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं। नाराज़ लोगों ने कहा कि सड़कों की स्थिति खराब है, बेरोज़गारी बढ़ी है और विधायक जनता के संपर्क से दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने बदलाव की उम्मीद से वोट दिया था, लेकिन पिछले पांच सालों में कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा।
Ram Bali Singh Yadav MLA ने इस विरोध को सुनियोजित बताया और कहा कि यह कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा योजनाबद्ध रूप से किया जा रहा है, जो अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के लिए जो 16 करोड़ की राशि आई, उसका पूरा उपयोग किया गया है। उनका कहना था कि रिपोर्ट कार्ड में इस राशि और विकास कार्यों की पूरी जानकारी दी गई है।
घटना ने भाकपा माले के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि विरोध महासचिव की मौजूदगी में हुआ, इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि स्थानीय संगठन और जनप्रतिनिधि के बीच तालमेल कमजोर हुआ है। चुनाव से पहले इसे ठीक करना पार्टी के लिए अत्यंत आवश्यक हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि Bihar Election 2025 में ऐसे विरोधों का असर मतदाताओं पर पड़ सकता है। यदि जनता को विश्वास नहीं मिलेगा कि उनके क्षेत्र में विकास हुआ है, तो यह पार्टी के लिए चुनौती बन सकता है। वहीं, जनता का यह गुस्सा यह संदेश भी देता है कि लोग अब केवल घोषणाओं से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें ठोस काम चाहिए।
वेब स्टोरी:
इस पूरे घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि स्थानीय राजनीति में grassroot level dissatisfaction बढ़ रहा है। चुनावी साल में यह विरोध और सवाल और तीखे हो सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या Ram Bali Singh Yadav MLA और भाकपा माले के नेतृत्व इस चुनौती को संभाल पाएंगे और जनता का भरोसा दोबारा जीत पाएंगे।