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Bihar Politics: अमित शाह ने खुद मनाया बागी भाजपा नेता, जेडीयू को मिली बड़ी राहत

Bihar Politics
Bihar Politics: बागी BJP नेता को अमित शाह ने मनाया, JDU को मिली राहत (file photo)
अक्टूबर 21, 2025

केंद्रीय नेतृत्व ने लौकहा विधानसभा में दिखाई सक्रियता

लौकहा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल तेज़ हो गई है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ऋषिकेश राघव, जो इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने वाले थे, उन्होंने अचानक एनडीए के पक्ष में समर्थन देने का ऐलान किया। यह राजनीतिक घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बाद संभव हुआ।

सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने स्वयं ऋषिकेश राघव को पटना बुलाया और एनडीए प्रत्याशी सतीश साह के समर्थन का आग्रह किया। इसके बाद राघव ने स्पष्ट किया कि वे अब एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी काम करेंगे।

बागी नेता ऋषिकेश राघव का समर्थन और उसका महत्व

ऋषिकेश राघव तेली समाज से आते हैं। यह समाज क्षेत्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। 2020 के चुनाव में तेली समाज से जुड़े स्व. प्रमोद प्रियदर्शी ने लोजपा से चुनाव लड़कर जेडीयू के लक्ष्मेश्वर राय को परास्त किया था। उस समय तेली समाज का बहुमत राजद के पक्ष में गया था।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस बार राघव मैदान में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में उतरते, तो एनडीए प्रत्याशी सतीश साह के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती थी। अमित शाह के हस्तक्षेप से राघव का समर्थन मिलने पर एनडीए को लौकहा क्षेत्र में मजबूती मिली है।

इतिहास और सामाजिक समीकरणों का असर

2015 में भाजपा के प्रत्याशी रहे स्व. प्रमोद प्रियदर्शी ने तेली समाज के मतों को एकत्रित किया था। उस समय राजद और जेडीयू गठबंधन में थे। परिणामस्वरूप, जेडीयू प्रत्याशी लक्ष्मेश्वर राय को जीत मिली। इस तरह, पिछले दो चुनावों से तेली समाज जेडीयू से अलग हुआ दिखता था।

ऋषिकेश राघव का एनडीए में वापस लौटना इस सामाजिक समीकरण को बदल सकता है। इससे न केवल तेली समाज के मत एनडीए की ओर मुड़ेंगे, बल्कि चुनावी रणनीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।

स्थानीय नेताओं की सक्रिय भूमिका

स्थानीय नेताओं ने यह स्थिति शीघ्र ही केंद्रीय नेतृत्व तक पहुँचाई। अमित शाह के निर्देशानुसार, राघव को पटना बुलाकर एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में काम करने का आग्रह किया गया। इसके पश्चात राघव ने अपने निवास नरहिया में प्रेस वार्ता कर एनडीए के समर्थन की पुष्टि की।

राजनीतिक रणनीति और आगामी चुनाव

विश्लेषकों का कहना है कि यह समर्थन लौकहा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की संभावनाओं को बढ़ाएगा। जेडीयू के सतीश साह हलवाई समाज से आते हैं और तेली समाज का यह समर्थन चुनावी माहौल को बदलने में निर्णायक हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह घटना बीजेपी और जेडीयू के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। साथ ही, यह दर्शाता है कि केंद्रीय नेतृत्व क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर चुनावी रणनीति तैयार कर रहा है।

इस प्रकार, अमित शाह के हस्तक्षेप और ऋषिकेश राघव के समर्थन से एनडीए को लौकहा विधानसभा क्षेत्र में स्पष्ट लाभ मिला है। यह राजनीतिक घटनाक्रम केवल एक विधानसभा सीट तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार की राजनीति में सामाजिक और चुनावी समीकरण बदलने वाला संकेत भी है। आगामी चुनावों में इस प्रकार की सक्रियता और स्थानीय समीकरणों का सही मूल्यांकन निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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