बिहार सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। राज्य की महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 सितंबर (सोमवार) को पहली किस्त जारी करेंगे। इस योजना के तहत 50 लाख महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के जरिए उनके बैंक खातों में ₹10,000-₹10,000 की राशि दी जाएगी। कुल मिलाकर लगभग ₹5,000 Crore की राशि महिलाओं के बीच वितरित होगी।
योजना का शुभारंभ राज्य स्तरीय कार्यक्रम से
इस अवसर पर सुबह 11 बजे राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम से सीधे तौर पर 50 लाख महिलाओं को लाभान्वित करेंगे। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसे उत्सव की तरह मनाया जाए। जिला, प्रखंड, संकुल और ग्राम संगठन स्तर तक कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग होगी, जिसमें जीविका समूह की महिलाएं और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
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जिला स्तर पर: सभी 38 जिलों में डीएम की अध्यक्षता में कार्यक्रम होंगे, जिनमें कम से कम 1,000 महिलाएं शामिल होंगी।
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प्रखंड स्तर पर: 534 प्रखंड मुख्यालयों पर बीडीओ की अध्यक्षता में 500 महिलाएं और अधिकारी हिस्सा लेंगे।
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संकुल स्तर पर: 1,680 संकुल स्तरीय संघों में 200-200 महिलाओं की भागीदारी होगी।
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ग्राम स्तर पर: 70,000 ग्राम संगठनों में लाइव प्रसारण होगा, जिनमें प्रत्येक जगह 100 महिलाएं शामिल होंगी।
वेब स्टोरी:
उद्देश्य: महिलाओं को स्वावलंबी बनाना
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता देना है। यह राशि महिलाएं छोटे व्यवसाय, खेती, पशुपालन, सिलाई, बुनाई, हस्तशिल्प और लघु उद्योगों में निवेश कर सकती हैं। योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं सशक्त होंगी।
सरकार का मानना है कि यदि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी तो परिवार और समाज दोनों की स्थिति बेहतर होगी। यही वजह है कि योजना का फोकस खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं पर रखा गया है।
आवेदन और लाभुकों की संख्या
इस योजना का लाभ लेने के लिए अब तक 1 करोड़ 5 लाख महिलाओं ने आवेदन किया है। इसके अलावा, लगभग 1.40 लाख महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह (SHG) में जुड़ने के लिए आवेदन किया है। योजना के तहत प्राथमिकता उन्हीं महिलाओं को दी जाएगी जो जीविका समूह से जुड़ी हैं।
पात्रता मानदंड
योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो निम्न शर्तों को पूरा करती हैं:
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परिवार में पति-पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल हों।
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अविवाहित वयस्क महिलाएं, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं।
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आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो।
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आवेदिका या उनके पति आयकर दाता न हों।
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पति-पत्नी में से कोई भी सरकारी सेवा (नियमित/संविदा) में न हो।
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जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं स्वतः पात्र होंगी।
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आवेदन प्रक्रिया | Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana
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ग्रामीण क्षेत्र: महिलाएं अपने ग्राम संगठन स्तर पर आवेदन जमा करेंगी। यदि महिला SHG से जुड़ी नहीं है तो पहले उसे समूह में शामिल होना होगा।
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शहरी क्षेत्र: शहरी महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। जो पहले से SHG से जुड़ी हैं, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा।
राज्य सरकार का बड़ा विज़न
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि ग्रामीण-शहरी अर्थव्यवस्था की रीढ़ महिलाएं हैं। यदि उन्हें वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर मिलें तो वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेंगी बल्कि राज्य के विकास में भी बड़ा योगदान देंगी। योजना से लाखों घरों में नई उम्मीद और आजीविका का नया रास्ता खुलेगा।
22 सितंबर को जब 50 लाख महिलाओं के खातों में एक साथ पहली किस्त पहुंचेगी, तो यह बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में ऐतिहासिक पल साबित होगा।