वारिसलीगंज में साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई
वारिसलीगंज पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राकेश कुमार भास्कर के नेतृत्व में गठित टीम ने वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम चैनपुरा स्थित अडानी सीमेंट फैक्ट्री के दक्षिण दिशा में परती जमीन पर छापामारी कर पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद सामग्री
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से महत्वपूर्ण उपकरण और नकदी जब्त की। बरामद सामग्री में शामिल हैं:
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4 एंड्रॉयड मोबाइल फोन
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15 फर्जी सिम कार्ड (विभिन्न राज्यों के)
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2 मोटरसाइकिल
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₹4,50,000 नगद
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये अपराधी महिंद्रा फाइनेंस, धनी फाइनेंस और अन्य प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर फर्जी लोन ऑफर कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे।
साइबर ठगी की कार्यप्रणाली
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे ग्राहकों के मोबाइल नंबर, नाम, पता तथा अन्य व्यक्तिगत डेटा का उपयोग कर साइबर फ्रॉड करते थे। आरोपियों का मुख्य उद्देश्य लोगों को फर्जी लोन योजनाओं में फंसाकर नगद राशि हड़पना था।
अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह विशेष रूप से ऑनलाइन माध्यमों के जरिये लोगों को फंसाता था। मोबाइल एप और कॉल के माध्यम से लोगों को लोन की सुविधा का लालच दिया जाता और फिर उनके व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग कर ठगी की जाती।
आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
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चंदन कुमार, पिता स्व. महेंद्र साय, निवासी मसुदा, थाना वारिसलीगंज।
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नीतिश कुमार, पिता मनोज यादव, निवासी मसुदा, थाना वारिसलीगंज।
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मो. तबरेज आलम, पिता गयास साह, निवासी मसुदा, थाना वारिसलीगंज।
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श्रीकांत कुमार, पिता बिनोद मंडल, निवासी बेल्या, थाना वारिसलीगंज।
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मो. हसनैन साह, पिता शमीम साह, थाना पकरीबरावां।
पुलिस की आगामी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान ने बताया कि इस कार्रवाई से न केवल वारिसलीगंज क्षेत्र में साइबर अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि आम लोगों के लिए भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
पुलिस ने इस संबंध में वारिसलीगंज थाना कांड संख्या 530/25 दर्ज की है और आरोपियों से और गहन पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन लोन या अनजान कॉल पर व्यक्तिगत डेटा साझा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
साइबर अपराध से सुरक्षा की आवश्यकता
साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन सेवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण ऐसे अपराधियों के फंसाने की संभावनाएँ बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा के लिए लोगों को:
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सुरक्षित पासवर्ड और द्वि-स्तरीय प्रमाणीकरण का प्रयोग करना चाहिए।
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अज्ञात कॉल या लिंक पर व्यक्तिगत डेटा साझा न करना चाहिए।
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संदिग्ध ईमेल या मैसेज की जानकारी स्थानीय साइबर सेल को देना चाहिए।
वारिसलीगंज पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल रही, बल्कि आम जनता के लिए साइबर सुरक्षा संदेश भी स्पष्ट किया है।