जन सुराज पार्टी ने जारी की पहली सूची: 51 प्रत्याशी मैदान में, पीके की उम्मीदवारी पर सस्पेंस बरकरार
डिजिटल डेस्क, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जन सुराज ने गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। कुल 51 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी वही है — क्या पीके खुद चुनावी मैदान में उतरेंगे?
लिस्ट में कई चर्चित नाम शामिल
जन सुराज की जारी पहली सूची में कई बड़े और चर्चित नाम शामिल हैं। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को नालंदा की अस्थावां सीट से टिकट दिया गया है। वहीं, भोजपुरी अभिनेता रितेश पांडेय को रोहतास के करगहर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
करगहर सीट से ही प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की चर्चाएं पहले से ही गर्म थीं, लेकिन इस घोषणा के बाद इन अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है — हालांकि अभी भी अंतिम निर्णय आने बाकी है।

प्रमुख प्रत्याशी और उनके क्षेत्र
सूची में विभिन्न क्षेत्रों से कई प्रतिष्ठित और सामाजिक रूप से सक्रिय नाम शामिल हैं —
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लोरिया से सुनील कुमार
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सीतामढ़ी से उषा किरण
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सुपौल (निर्मली) से राम प्रवेश यादव
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पूर्णिया (बायसी) से मोहम्मद शाहनवाज आलम
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मधेपुरा (आलमनगर) से सुबोध कुमार सुमन
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दरभंगा से आर.के. मिश्रा
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मुजफ्फरपुर से चिकित्सक अमन कुमार दास
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सोनपुर से चंदन लाल मेहता
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मोतिहारी से डॉ. अरुण कुमार
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पटना (कुम्हरार) से केसी सिन्हा
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बिहारशरीफ से दिनेश कुमार
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महिषी से समीम अख्तर
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मीनापुर से तेज नारायण सहनी
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कल्याणपुर से रामबालक पासवान
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मांझी से वाईबी गिरि
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मोरबा से डॉ. जागृति ठाकुर
पीके की उम्मीदवारी पर अब भी रहस्य
जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष उदय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “पीके लड़ेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है। अगर उनका नाम लिस्ट में आएगा तो वे जरूर लड़ेंगे, अन्यथा नहीं। अगले दो-तीन दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी।”
यह बयान यह संकेत देता है कि पार्टी अभी भी रणनीतिक सोच-विचार में है और पीके की भूमिका संगठनात्मक या चुनावी — दोनों में से किस दिशा में होगी, यह निर्णय जल्द सामने आएगा।
पार्टी का दावा – “हर सीट पर नया विकल्प”
जन सुराज पार्टी बिहार में खुद को ‘विकल्प की राजनीति’ के रूप में पेश कर रही है। पार्टी का दावा है कि वह 241 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उदय सिंह के अनुसार, “हमारा लक्ष्य बिहार की राजनीति को परिवारवाद और जातीय समीकरणों से मुक्त कर नई सोच के साथ आगे बढ़ाना है।”
बिहार के राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल
जन सुराज की इस घोषणा से बिहार के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमे अब जन सुराज की रणनीति को ध्यान से देख रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पीके के मैदान में उतरने से बिहार चुनाव की पूरी दिशा बदल सकती है, क्योंकि उनका जनाधार, युवाओं और बुद्धिजीवियों के बीच तेजी से बढ़ रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की यह पहली बड़ी लिस्ट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ जन सुराज पार्टी की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में तीसरे मोर्चे की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
अब सभी की नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि — क्या पीके खुद चुनावी रण में उतरेंगे या पर्दे के पीछे रहकर रणनीति बनाएंगे।