बिहार चुनाव 2025: राजद को बड़ा झटका, प्रतिमा कुशवाहा ने भाजपा का दामन थामा
पटना। बिहार की सियासी हलचल में शनिवार को एक बड़ा मोड़ आया, जब राजद महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और स्टार प्रचारक प्रतिमा कुशवाहा ने राजद छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने प्रतिमा को पार्टी में शामिल किया और उनका स्वागत किया। इस कदम को भाजपा ने जनता के बढ़ते विश्वास और एनडीए की मजबूती का प्रतीक बताया।
वर्षों की आस्था टूटी, नेता बदलते रहे दल
राजनीति में यह कोई नई घटना नहीं है कि दलों के प्रति वर्षों तक समर्पित रहे नेताओं की आस्था तब टूटती है जब उन्हें टिकट नहीं मिलता या उनका महत्व घट जाता है। प्रतिमा कुशवाहा भी ऐसे ही नेताओं की सूची में शामिल हो गईं। उन्होंने कहा कि बिहार की बेटियां और बहनें अब जातिवाद और परिवारवाद के बजाय विकास और सुशासन की राजनीति का साथ दे रही हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह बदलाव बिहार में भाजपा के विचारों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में फिर से एनडीए सरकार बनेगी और ऐतिहासिक जीत हासिल होगी।
बेटियां और बहनें सुशासन के साथ
प्रतिमा कुशवाहा ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में बेटियों और महिलाओं के लिए सुशासन, सुरक्षा और विकास सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे विकास और अच्छे शासन के लिए एनडीए को समर्थन दें। उनका कहना था कि पूरे बिहार में कार्यकर्ताओं का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा है।
दोनों गठबंधनों में पाला बदल का खेल
इस विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों प्रमुख गठबंधन – एनडीए और महागठबंधन – में नेताओं के पाला बदलने की घटनाएँ सामने आई हैं। टिकट न मिलने पर कई बड़े पदाधिकारी, मंत्री और विधायक नए दल में शामिल हुए। भाजपा और अन्य दलों ने इन नेताओं को नए दल में प्रवेश के साथ ही उम्मीदवार बनने का अवसर भी दिया है। हालांकि, जनता इसे किस नजरिए से देखती है, इसका फैसला मतदान और मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा।
मतदान की प्रक्रिया और तारीखें
बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होगा। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को संपन्न होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इसी दिन यह स्पष्ट हो जाएगा कि पाला बदलने वाले नेताओं की भूमिका कितनी प्रभावशाली रही और क्या जनता ने उन्हें स्वीकार किया।
बिहार की राजनीति गरमाई
प्रतिमा कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने से बिहार की राजनीति और भी गर्म हो गई है। यह कदम एनडीए के लिए मजबूती का संकेत है और चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है। भाजपा का दावा है कि इस बार बिहार में विकास और सुशासन की राजनीति को जनता समर्थन दे रही है, जिससे एनडीए की सरकार पुनः स्थापित होगी।
निष्कर्ष
प्रतिमा कुशवाहा का भाजपा में शामिल होना सिर्फ एक नेता का दल बदलना नहीं है, बल्कि बिहार के चुनावी परिदृश्य में एनडीए की मजबूती और महागठबंधन की चुनौती को दर्शाता है। पाला बदलने वाले नेताओं की संख्या और उनका प्रभाव आगामी चुनाव के नतीजों में अहम भूमिका निभा सकता है। बिहार के मतदाता इस बार विकास, सुशासन और नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय देंगे।