बिहार में बढ़ा सियासी तनाव: भड़काऊ बयान पर दर्ज हुई एफआईआर
बिहार चुनाव परिणाम 2025 से ठीक पहले राज्य की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधान पार्षद सुनिल कुमार सिंह पर पटना साइबर थाने में भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है। उनके बयान से राज्य का माहौल गर्म हो गया है और राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
विवादित बयान से मचा सियासी भूचाल
राजद एमएलसी सुनिल कुमार सिंह ने गुरुवार को एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि बिहार की जनता मतगणना में बेईमानी को लेकर आशंकित है, और यदि इस बार कहीं बेईमानी हुई तो “सड़कों पर नेपाल जैसा दृश्य” दिखेगा। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की।
डीजीपी के निर्देश पर साइबर थाने की दारोगा खुशबू कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिकायत में उल्लेख है कि सुनिल सिंह के इस बयान से समाज में घृणा, वैमनस्य और अस्थिरता फैलने की आशंका है, जो लोक शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई
पटना पुलिस ने सुनिल कुमार सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 174, 353, 352 और 123 (4) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों का कहना है कि बयान का स्वर सार्वजनिक शांति को भंग करने वाला है, और चुनाव प्रक्रिया पर अविश्वास फैलाने की साजिश की ओर संकेत करता है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और आवश्यक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इस घटना के बाद राजनैतिक माहौल और अधिक संवेदनशील हो गया है।
विपक्ष के तेवर और एनडीए की प्रतिक्रिया
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सुनिल सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हार पक्की देख विपक्ष के बोल बिगड़ गए हैं। चुनाव के नतीजे स्पष्ट रूप से एनडीए के पक्ष में हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनना तय है।”
उन्होंने आगे कहा कि “महागठबंधन के नेता अब मतगणना को लेकर झूठ फैलाने और जनता को भड़काने की साजिश कर रहे हैं। यह बयान जंगलराज वाली मानसिकता का प्रमाण है।”
राजद पर बढ़ा दबाव
राजद नेतृत्व पर अब विपक्षी दलों के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर भी दबाव बढ़ गया है। पार्टी ने अभी तक सुनिल सिंह के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, परंतु अंदरखाने में इस बात की चर्चा है कि पार्टी आलाकमान इस बयान से असहज है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव परिणाम से पहले इस तरह के बयान न केवल कानून व्यवस्था पर असर डालते हैं बल्कि मतदाताओं के मन में भ्रम भी उत्पन्न करते हैं।
बिहार की राजनीति में बढ़ती बयानबाजी की प्रवृत्ति
बिहार में चुनावी दौर में नेताओं के बयानों से माहौल गर्म होना कोई नई बात नहीं है। परंतु इस बार का मामला अधिक गंभीर इसलिए है क्योंकि यह सीधे मतगणना प्रक्रिया को चुनौती देता है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी प्रकार की अफवाह या उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मतगणना केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
राजद एमएलसी सुनिल सिंह का विवादित बयान बिहार की सियासत में नया मोड़ लेकर आया है। चुनावी माहौल में इस प्रकार की बयानबाजी राजनीतिक तापमान को और बढ़ा रही है। अब देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।