Bihar Exit Poll 2025 Result: बिहार में लोकतंत्र का महापर्व और जनता का फैसला
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का जनादेश अब कुछ ही दिनों में स्पष्ट होने वाला है। दो चरणों में सम्पन्न हुए इस चुनाव ने पूरे राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। 6 और 11 नवंबर को हुए मतदान के बाद अब जनता का verdict 14 नवंबर को सामने आएगा। इस बीच विभिन्न समाचार चैनलों और सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को और तेज कर दिया है।
जहाँ एक ओर लगभग सभी प्रमुख एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है, वहीं महागठबंधन के खेमे में चिंता की लकीरें गहराती नजर आ रही हैं। इस बार मुकाबला सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच नहीं, बल्कि बिहार की नीतियों, विकास और सामाजिक समीकरणों के बीच भी है।
एग्जिट पोल्स ने दिखाई एनडीए की मजबूत स्थिति
बिहार में आये ताज़ा एग्जिट पोल्स के अनुसार एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। कई सर्वेक्षणों ने 243 सीटों में से एनडीए को 135 से 160 सीटों तक का अनुमान दिया है, जबकि महागठबंधन 70 से 90 सीटों के बीच सिमटता दिख रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का कहना है कि जनता ने इस बार विकास और स्थिरता के पक्ष में मतदान किया है। उन्होंने कहा, “बिहार ने इस चुनाव में एक बार फिर एनडीए पर भरोसा जताया है। यह मतदाताओं का स्पष्ट संकेत है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की रफ्तार जारी रहनी चाहिए।”
भाजपा नेताओं का आत्मविश्वास और विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अधिकांश समीक्षकों ने एनडीए को बहुमत दिया है। उनके अनुसार, यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच सीधा मुकाबला था। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता जाति से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता दे रही है।”
दूसरी ओर, राजद की ओर से नेता तेजस्वी यादव ने एग्जिट पोल के अनुमानों को खारिज करते हुए कहा कि “14 तारीख को नतीजे आएंगे और 18 को हमारी सरकार शपथ लेगी।” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि एग्जिट पोल केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि असली तस्वीर परिणाम के दिन साफ होगी।
महागठबंधन की रणनीति और विपक्ष की उम्मीदें
Bihar Exit Poll 2025 Result: महागठबंधन की ओर से राजद विधायक आलोक मेहता ने भी एग्जिट पोल्स को केवल अनुमान बताया। उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग के वास्तविक नतीजे ही असली फैसला होंगे।” उनके अनुसार, कई सीटों पर स्थानीय मुद्दे और क्षेत्रीय समीकरण निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
वहीं, इस बार मैदान में जन सुराज पार्टी (पीके), एआईएमआईएम (असदुद्दीन ओवैसी) और तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल जैसी नई और छोटी पार्टियों ने भी समीकरणों को जटिल बना दिया है। इन दलों का प्रदर्शन भी अंतिम परिणामों में फर्क डाल सकता है।
आगामी एग्जिट पोल्स पर टिकी निगाहें
आज शाम तक दो और एग्जिट पोल्स आने वाले हैं — जिनमें प्रमुख है एक्सिस माय इंडिया और चाणक्य टुडे। ये पोल्स बिहार की राजनीतिक तस्वीर को और स्पष्ट करेंगे। अगर इन पोल्स में भी एनडीए को बढ़त मिलती है, तो यह महागठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण और स्थानीय विकास मुद्दे आखिरी क्षण तक प्रभाव डालते हैं, इसलिए वास्तविक परिणाम कई जगह एग्जिट पोल से भिन्न हो सकते हैं।
जनता की राय ही अंतिम निर्णय | Bihar Exit Poll 2025 Result
एग्जिट पोल्स चाहे जिस दिशा में इशारा कर रहे हों, परंतु अंतिम फैसला जनता के मतपेटियों में बंद है। बिहार का मतदाता परिपक्व है और उसने हमेशा ही परिस्थिति के अनुसार सोच-समझकर निर्णय दिया है।
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटेगा या महागठबंधन अपनी खोई जमीन वापस हासिल कर पाएगा।