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बीपीएससी एईडीओ परीक्षा स्थगित: दस लाख अभ्यर्थियों की तैयारी पर लगा ब्रेक

BPSC AEDO Exam Postponed: बिहार में दस लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा स्थगित, जानें पूरी जानकारी
BPSC AEDO Exam Postponed: बिहार में दस लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा स्थगित, जानें पूरी जानकारी (File Photo)
बिहार लोक सेवा आयोग ने अपरिहार्य कारणों से एईडीओ परीक्षा स्थगित कर दी है। यह परीक्षा 10 से 16 जनवरी तक होनी थी जिसमें करीब दस लाख अभ्यर्थी शामिल होने वाले थे। परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने आधिकारिक नोटिस जारी कर बताया कि नई तिथि अलग से घोषित होगी। आयोग ने अभ्यर्थियों से अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी लेने की अपील की है।
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बीपीएससी एईडीओ परीक्षा स्थगित: दस लाख अभ्यर्थियों की तैयारी पर लगा ब्रेक

बिहार लोक सेवा आयोग ने राज्य भर के लाखों युवाओं को बड़ा झटका देते हुए सहायक ग्रामीण विकास अधिकारी यानी एईडीओ परीक्षा को स्थगित कर दिया है। यह फैसला उन दस लाख अभ्यर्थियों के लिए निराशाजनक साबित हुआ है जो महीनों से इस परीक्षा की तैयारी में जुटे थे। आयोग ने आधिकारिक नोटिस जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है।

परीक्षा स्थगन की आधिकारिक घोषणा

बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने आधिकारिक सूचना जारी करते हुए बताया कि अपरिहार्य कारणों से एईडीओ परीक्षा को स्थगित करना पड़ा है। पहले यह परीक्षा 10 जनवरी से शुरू होकर 16 जनवरी तक चलनी थी। लेकिन अब निर्धारित तारीखों पर यह परीक्षा नहीं होगी। आयोग की ओर से जारी नोटिस में साफ किया गया है कि परीक्षा की नई तिथि अलग से घोषित की जाएगी।

यह फैसला तब लिया गया जब परीक्षा में बैठने वाले लाखों अभ्यर्थी अपनी अंतिम तैयारी में लगे हुए थे। कई उम्मीदवारों ने तो अपनी नौकरी छोड़कर इस परीक्षा की तैयारी की थी। ऐसे में यह खबर उनके लिए बेहद निराशाजनक साबित हुई है।

दस लाख अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर

बीपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में करीब दस लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना थी। यह आंकड़ा बताता है कि बिहार में युवाओं के बीच सरकारी नौकरी की कितनी चाह है। राज्य के हर कोने से अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। परीक्षा स्थगित होने की खबर सामने आते ही पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई।

कई अभ्यर्थियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे महीनों से इस परीक्षा की तैयारी में लगे थे। अचानक परीक्षा स्थगित होने से उनकी पूरी योजना बिगड़ गई है। कुछ उम्मीदवारों ने तो कोचिंग के लिए महंगी फीस भी चुकाई थी। अब उन्हें फिर से नई तिथि का इंतजार करना होगा।

अफवाहों से बचने की अपील

बीपीएससी ने अपनी आधिकारिक सूचना में अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। आयोग ने साफ किया है कि परीक्षा से जुड़ी कोई भी जानकारी केवल बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जारी की जाएगी। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से मिलने वाली किसी भी सूचना पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

यह अपील इसलिए भी जरूरी है क्योंकि परीक्षा स्थगित होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैलनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग नई तारीख के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं तो कुछ परीक्षा रद्द होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों को सतर्क रहने की जरूरत है।

तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए सुझाव

परीक्षा स्थगित होने से निराश हुए अभ्यर्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें इस समय का सही इस्तेमाल करते हुए अपनी तैयारी को और मजबूत बनाना चाहिए। जो विषय कमजोर हैं उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पिछले सालों के प्रश्नपत्रों को हल करना और मॉक टेस्ट देना भी फायदेमंद रहेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि अभ्यर्थियों को नियमित रूप से अध्ययन जारी रखना चाहिए। परीक्षा स्थगित होने का मतलब यह नहीं है कि तैयारी में ढिलाई की जाए। बल्कि यह समय अपनी कमजोरियों को दूर करने का अच्छा मौका है। जो उम्मीदवार इस समय का सही उपयोग करेंगे वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

बीपीएससी की पिछली परीक्षाओं का हाल

यह पहली बार नहीं है जब बीपीएससी ने किसी परीक्षा को स्थगित किया है। पहले भी कई बार विभिन्न कारणों से परीक्षाएं टाली गई हैं। कभी प्रशासनिक कारण तो कभी तकनीकी दिक्कतों की वजह से ऐसा हुआ है। लेकिन हर बार आयोग ने नई तिथि जारी कर परीक्षा आयोजित की है।

हालांकि अभ्यर्थियों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि नई तारीख कब घोषित होगी। कुछ उम्मीदवारों का कहना है कि जल्द से जल्द नई तिथि की घोषणा होनी चाहिए ताकि वे अपनी तैयारी की योजना बना सकें। लंबा इंतजार उनकी तैयारी पर बुरा असर डाल सकता है।

एईडीओ पद की अहमियत

सहायक ग्रामीण विकास अधिकारी यानी एईडीओ का पद बिहार में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पद ग्रामीण विकास से जुड़ा हुआ है। एईडीओ का काम गांवों में विकास योजनाओं को लागू करना और उनकी निगरानी करना होता है। यह पद सीधे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से जुड़ा होता है।

इस पद पर चयनित होने वाले अधिकारी को अच्छा वेतन और सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही नौकरी की सुरक्षा भी होती है। यही वजह है कि हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयारी करते हैं। बिहार के युवाओं के बीच यह पद काफी लोकप्रिय है।

परीक्षा की तैयारी में लगे कोचिंग संस्थान

परीक्षा स्थगित होने से केवल अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि कोचिंग संस्थान भी प्रभावित हुए हैं। पटना और बिहार के अन्य शहरों में कई कोचिंग संस्थान इस परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। वहां के शिक्षकों और संचालकों ने भी इस फैसले पर चिंता जताई है।

कोचिंग संस्थानों का कहना है कि उन्होंने अपने छात्रों को परीक्षा की तारीख को ध्यान में रखते हुए तैयार किया था। अब परीक्षा स्थगित होने से उन्हें फिर से अपनी रणनीति बदलनी होगी। हालांकि उन्होंने अपने छात्रों से कहा है कि वे निराश न हों और अपनी तैयारी जारी रखें।

सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया

परीक्षा स्थगित होने की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैली। कई अभ्यर्थियों ने अपनी निराशा और नाराजगी व्यक्त की। कुछ ने सवाल उठाया कि अपरिहार्य कारण क्या हैं जिनकी वजह से परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने मांग की है कि आयोग को साफ तौर पर कारण बताना चाहिए।

वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि यह समय अपनी तैयारी को और बेहतर बनाने का मौका है। उन्होंने अन्य उम्मीदवारों से भी अपील की है कि वे हिम्मत न हारें और मेहनत जारी रखें।

आगे क्या होगा

अब सबकी नजर बीपीएससी की अगली घोषणा पर टिकी है। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि जल्द ही परीक्षा की नई तिथि घोषित की जाएगी। आयोग से अपेक्षा है कि वह जल्द से जल्द नई तारीख तय करे ताकि अभ्यर्थियों को ज्यादा परेशानी न हो।

विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग को नई तारीख तय करते समय अभ्यर्थियों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दोबारा परीक्षा स्थगित करने की नौबत न आए। इससे अभ्यर्थियों का भरोसा बना रहेगा और वे बेहतर तैयारी कर सकेंगे।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।