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पटना महागठबंधन: बांकीपुर में प्रत्याशी सस्पेंस और सीटों पर जटिलता बढ़ी

Patna Mahagatbandhan
Patna Mahagatbandhan: पटना में बांकीपुर और अन्य सीटों पर प्रत्याशी सस्पेंस, कार्यकर्ता परेशान (File Photo)
अक्टूबर 17, 2025

पटना महागठबंधन में सीटों पर जटिलता और बांकीपुर का सस्पेंस

पटना जिले में पहले चरण के नामांकन का अंतिम दौर चल रहा है, लेकिन महागठबंधन की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा और नामांकन प्रक्रिया में देरी ने राजनीतिक गतिविधियों को उलझा दिया है। बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में विशेष रूप से सस्पेंस बरकरार है। यह देरी न केवल गठबंधन के कार्यकर्ताओं को चिंतित कर रही है, बल्कि विरोधी दलों को भी लाभ पहुंचा सकती है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के संभावित प्रत्याशी पिछले डेढ़ घंटे से नामांकन पर्चा दाखिल करने के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके पीछे अंदरूनी समन्वय और औपचारिकताओं में हुई देरी मुख्य कारण माने जा रहे हैं। समय तेजी से समाप्त हो रहा है और यदि नामांकन समय सीमा से पहले नहीं होता है, तो पटना में गठबंधन की स्थिति और जटिल हो जाएगी।


बांकीपुर सीट पर सस्पेंस बरकरार

बांकीपुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन ने अभी तक अपने प्रत्याशी की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह देरी शायद गठबंधन की रणनीतिक चाल का हिस्सा है, ताकि अंतिम क्षण में किसी आश्चर्यजनक उम्मीदवार को मैदान में उतारा जा सके। वहीं एनडीए के प्रत्याशी पहले ही नामांकन कर चुके हैं और प्रचार अभियान में जुट चुके हैं।

स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थक इस अनिश्चितता से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से इंतजार के बावजूद कोई स्पष्ट दिशा नहीं मिली है। कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह देरी गठबंधन के भीतर मतभेदों और सीटों के बंटवारे के कारण हो सकती है।


कार्यकर्ताओं की निराशा और प्रशासनिक दबाव

महागठबंधन के कई कार्यकर्ता और पार्टी संगठन इस स्थिति को लेकर निराशा व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव के अंतिम समय में इस प्रकार की अनिश्चितता राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बढ़त दे सकती है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने भी चेतावनी दी है कि नामांकन की अंतिम समय सीमा के बाद पर्चों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पटना जिले में महागठबंधन की स्थिति और जटिल हो जाएगी।


राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन की ओर से आखिरी क्षण में उठाए जाने वाले कदम पूरे चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं। यदि प्रत्याशी समय पर नामांकन नहीं करते हैं, तो एनडीए को पटना जिले में मजबूत स्थिति मिल सकती है। वहीं, गठबंधन के भीतर की मतभेद और सीटों के बंटवारे की अनिश्चितता चुनावी परिणामों पर प्रभाव डाल सकती है।

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि बांकीपुर और अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा में हुई देरी महागठबंधन की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कार्यकर्ताओं की हताशा और जनता में उत्पन्न असमंजस राजनीतिक माहौल को और गर्म कर रहा है।


आगे की संभावना

आगामी कुछ घंटों में महागठबंधन की ओर से किसी निर्णय या प्रत्याशी की घोषणा की उम्मीद जताई जा रही है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि गठबंधन अंतिम समय में चौंकाने वाला कदम उठा सकता है। पटना जिले में यह प्रक्रिया तय करेगी कि पहले चरण के चुनाव में महागठबंधन अपनी स्थिति को बनाए रख पाएगा या एनडीए को बढ़त मिल जाएगी।


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