पटना। बिहार की राजनीति में बयानबाजी और सियासी हमलों का दौर जारी है। इसी कड़ी में सोमवार को पूर्व मंत्री और जनशक्ति जनता दल (JJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष Tej Pratap Yadav ने पटना आवास पर आयोजित मिलन समारोह में जमकर हमला बोला। उनका यह Tej Pratap Attack मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपनी पुरानी पार्टी RJD (राष्ट्रीय जनता दल) – तीनों पर केंद्रित रहा।
तेज प्रताप ने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में अत्री विधानसभा सीट से अविनाश कुमार सोनू को उम्मीदवार बनाएगी। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है क्योंकि यह सीट अभी RJD विधायक रंजीत यादव के पास है।
नीतीश कुमार और मोदी पर तीखा वार
तेज प्रताप यादव ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उनके अनुसार, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास को नालंदा तक सीमित कर दिया है। पूरा बिहार पिछड़ रहा है और प्रशासन केवल आंकड़े गिनाने में व्यस्त है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में चीनी मिल खोलने का वादा पूरा नहीं हुआ। तेज प्रताप ने तंज कसा, “चाय तो पिलाई गई, लेकिन उद्योग लगाने का वादा अधूरा रह गया।”
RJD विधायकों पर हमला
Tej Pratap Attack का सबसे अहम पहलू रहा उनकी पुरानी पार्टी RJD पर सीधा वार। उन्होंने शाहपुर विधायक मंटू तिवारी, महुआ विधायक डॉ. मुकेश रोशन और अत्री विधायक रंजीत यादव पर खुलकर हमला किया। मनेर विधायक भाई वीरेंद्र को भी उन्होंने एक युवती के बलात्कार और हत्या के मामले में कार्रवाई न होने के लिए कठघरे में खड़ा किया।
यह हमला साफ इशारा करता है कि तेज प्रताप अब RJD से दूरी बनाकर स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं।
“ब्लैक बोर्ड” चुनाव चिह्न और शिक्षा पर फोकस
तेज प्रताप ने अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न “ब्लैक बोर्ड” को शिक्षा और बदलाव का प्रतीक बताया। उनका कहना था – “जो पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर जनता ने साथ दिया तो उनकी पार्टी महुआ की तरह और क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज समेत विकास कार्य करेगी।
सभा में दिखा लालू स्टाइल
सभा में तेज प्रताप का अंदाज एक बार फिर उनके पिता लालू प्रसाद यादव की याद दिलाने वाला रहा। माइक खराब होने पर उन्होंने मजाक किया – “लगता है माइक में रस घुस गया है।” उनके इस बयान से कार्यकर्ताओं में ठहाके गूंज उठे।
तेज प्रताप ने बिहार की सबसे बड़ी समस्या पलायन और युवाओं में नशे की लत को बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रशासन ईमानदार नागरिकों पर कार्रवाई करता है, जबकि असली अपराधी बच जाते हैं।
कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कोशिश
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बख्तियारपुर से आए एक RJD कार्यकर्ता को मंच पर बुलाया और अपनी पार्टी की टोपी पहनाई। मजाक करते हुए उन्होंने कहा – “जयचंद बनकर क्यों आए हो?” इस हल्के-फुल्के अंदाज में भी उन्होंने यह संदेश दिया कि अब उनकी पार्टी का विस्तार हो रहा है और वे सीधे RJD के जनाधार में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
वेब स्टोरी:
2025 चुनाव की चुनौती
तेज प्रताप यादव का यह Tej Pratap Attack केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि 2025 विधानसभा चुनाव की स्पष्ट रणनीति है। वे खुद को न केवल एनडीए बल्कि RJD के भी विकल्प के रूप में पेश करना चाहते हैं। उनके सामने चुनौती यह है कि क्या जनता उनके नेतृत्व और नई पार्टी को स्वीकार करेगी या नहीं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की आक्रामक रणनीति से बिहार की सियासत में नया समीकरण बन सकता है। हालांकि यह भी सच है कि उन्हें अभी संगठनात्मक मजबूती और व्यापक जनसमर्थन जुटाने की आवश्यकता है।
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