Owaisi Bihar Assembly Election: महागठबंधन पर तगड़ा वार, BJP Team को लेकर बयान
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो, लेकिन सियासी पारा पहले ही चढ़ चुका है। इस बीच एआईएमआईएम (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज में अपनी सीमांचल न्याय यात्रा के दौरान महागठबंधन पर करारा हमला बोला।
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की पूरी कोशिश की, लेकिन गठबंधन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा, “हमारे प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर और मीडिया के ज़रिए संदेश देकर कहा था कि हम केवल छह सीटों की मांग कर रहे हैं। लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला। हमने अपना फर्ज निभाया है, अब बिहार की जनता देख रही है कि BJP Team कौन है।”
ओवैसी की यह टिप्पणी Owaisi Bihar Assembly Election के राजनीतिक परिदृश्य में नई हलचल पैदा कर सकती है। सीमांचल क्षेत्र में एआईएमआईएम की पकड़ पिछले चुनावों में मजबूत हुई है और इस बार पार्टी की रणनीति महागठबंधन और बीजेपी दोनों के लिए अहम साबित होगी।
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चुनाव में कितनी सीटों पर एआईएमआईएम उम्मीदवार उतारे जाएंगे, इस सवाल पर ओवैसी ने कहा, “जब हमारी उम्मीदवारों की सूची जारी होगी, तब सबको पता चल जाएगा। फिलहाल हमारी प्राथमिकता बिहार में निष्पक्ष और जनता केंद्रित राजनीति करना है।”
सियासी बयानबाज़ी के बीच ओवैसी ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर भी अपना मत व्यक्त किया। उनका कहना था, “हर मुसलमान पैगंबर साहब से मोहब्बत करता है, यह उनके ईमान का हिस्सा है। किसी को पोस्टर लगाने से रोकना पूरी तरह ग़लत है। यह धार्मिक आज़ादी का मामला है।”
तेजस्वी यादव के डिग्रीधारक युवाओं को रोजगार देने वाले बयान पर भी उन्होंने कटाक्ष किया। ओवैसी ने कहा, “उन्हें बताना चाहिए कि बिहार में कितने युवा स्नातक हैं और उनके लिए कितरा रोजगार उपलब्ध है। केवल घोषणाएं करना पर्याप्त नहीं है।”
वेब स्टोरी:
पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने चुनावी रणनीति और आगामी Owaisi Bihar Assembly Election में एआईएमआईएम की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओवैसी की बयानबाज़ी महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। सीमांचल क्षेत्र में एआईएमआईएम का प्रभाव बढ़ रहा है और आगामी चुनावों में उनकी भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव में हिंदू और मुस्लिम मतदाताओं के बीच संतुलन और गठबंधन का महत्त्व बढ़ गया है। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी जनता के हित में काम करना चाहती है और किसी भी तरह की राजनीति में शामिल होने से पहले निष्पक्ष निर्णय लेगी।
अंततः, ओवैसी का यह बयान महागठबंधन और बीजेपी दोनों के लिए संकेत है कि चुनाव में नए समीकरण बन सकते हैं। बिहार की जनता इस बार राजनीतिक दलों की वास्तविक नीयत पर विशेष ध्यान देगी और चुनावी रणनीतियों का विश्लेषण करेगी।