पूर्णिया (बिहार)। शुक्रवार शाम पूर्णिया जिले के कसबा रेलवे गुमटी के पास हुए Purnia Rail Accident ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस भीषण हादसे में जोगबनी से पाटलिपुत्र जा रही वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से चार युवकों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज पूर्णिया के GMCH (Government Medical College and Hospital) में चल रहा है।
पूर्णिया रेल हादसा
वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से 4 युवकों की मौत, कई घायल।
रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल… #PurniaRailAccident #Bihar pic.twitter.com/DsbUN2DHUS— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 3, 2025
हादसे की पूरी घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह हादसा शाम करीब 5 बजे हुआ, जब कुछ युवक पटरियां पार करने की कोशिश कर रहे थे। तभी तेज रफ्तार वंदे भारत ट्रेन वहां से गुजर गई और चार युवकों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
रेलवे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और जांच शुरू कर दी है। मृतकों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

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गुमटी की लापरवाही या युवाओं की जल्दबाजी?
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह Purnia Rail Accident गुमटी कर्मचारी की लापरवाही से हुआ या फिर युवकों की जल्दबाजी का नतीजा था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि गेट समय पर बंद नहीं किया गया, वहीं कुछ का कहना है कि युवक ट्रेन की स्पीड को नजरअंदाज कर पटरियां पार करने लगे। फिलहाल पुलिस ने दोनों पहलुओं से जांच शुरू कर दी है।
वंदे भारत ट्रेन और सुरक्षा का सवाल
भारत की सबसे आधुनिक और हाई-स्पीड ट्रेनों में शामिल वंदे भारत ट्रेन अपनी तेज रफ्तार के लिए जानी जाती है। लेकिन इसी रफ्तार के कारण सुरक्षा नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में अब भी लोग जल्दबाजी में पटरियां पार करने की कोशिश करते हैं, जिससे इस तरह के हादसे बार-बार सामने आते हैं।
पूर्णिया का यह हादसा इस बात की बड़ी मिसाल है कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की जरूरत है। गेट प्रबंधन और चेतावनी व्यवस्था में सुधार जरूरी है, वहीं आम जनता को भी सतर्क रहना होगा।

प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हमने देखा कि ट्रेन बहुत तेज रफ्तार से आ रही थी। गेट ठीक से बंद नहीं था और तभी कुछ युवक पटरियां पार करने लगे। ट्रेन इतनी तेज थी कि बचने का कोई मौका नहीं मिला।”
इस बयान से गेट प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
परिजनों का दर्द
चारों मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है। परिवारजन का कहना है कि यह हादसा रोका जा सकता था अगर सुरक्षा प्रबंधन दुरुस्त होता। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद और सरकारी सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
वेब स्टोरी:
हादसे पर उठे राजनीतिक सवाल
जैसे ही खबर फैली, स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने रेलवे और प्रशासन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर भी इस हादसे को लेकर आक्रोश दिखा। विपक्षी दलों ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और रेलवे की जवाबदेही तय करने की मांग की है।

सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
इस Purnia Rail Accident ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि रेलवे ट्रैक पार करने के नियमों का पालन बेहद जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि गेट संचालन और सुरक्षा अलर्ट पर कड़ी नजर रखे। वहीं लोगों को भी अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालकर पटरियां पार करने से बचना होगा।