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Bihar Politics: राहुल गांधी की टिप्पणियाँ उनके संस्कारों का प्रतिबिंब, जे.पी. नड्डा

Rahul Gandhi Chhath Comment
Rahul Gandhi Chhath Comment – राहुल गांधी की छठ टिप्पणी पर जे.पी. नड्डा का प्रहार, बोले उनके संस्कार और मूल्य उजागर (Photo: PTI)
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राहुल गांधी की टिप्पणियाँ उनके संस्कारों का प्रतिबिंब: जे.पी. नड्डा

बेगूसराय/नालंदा (बिहार), 30 अक्टूबर:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छठ पर्व को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी उनके “संस्कारों और पारिवारिक मूल्यों” का प्रतिबिंब है।

नड्डा ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ न केवल असभ्यता का उदाहरण हैं, बल्कि यह विपक्षी दलों की राजनीतिक गिरावट को भी उजागर करती हैं।


छठ पर्व पर मोदी को लेकर राहुल की टिप्पणी पर भाजपा का पलटवार

राहुल गांधी ने हाल ही में यह आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी छठ पूजा के अवसर पर यमुना नदी में डुबकी लगाने का नाटक करने वाले थे, लेकिन गंदे पानी के कारण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
उन्होंने कहा था कि “मोदी जी वोट पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यहाँ तक कि नृत्य भी।”

इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जे.पी. नड्डा ने कहा,“राहुल गांधी के बयान उनके संस्कारों और परवरिश को दर्शाते हैं। उन्होंने भारतीय राजनीति के स्तर को गिराने का काम किया है।”


“हम मुद्दों पर बात करते हैं, व्यक्तिगत नहीं” — नड्डा

बेगूसराय में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि भाजपा के नेता मुद्दों और विकास की बात करते हैं, जबकि विपक्ष केवल अपमानजनक टिप्पणियों तक सीमित रह गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता जानती है कि भाजपा ने राज्य को विकास की राह पर लाने के लिए क्या प्रयास किए हैं।


तेजस्वी यादव और वक्फ़ क़ानून पर भी निशाना

नड्डा ने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने यह कहकर अपनी अज्ञानता दिखाई कि वे वक्फ़ अधिनियम को “कूड़ेदान में फेंक देंगे।”
उन्होंने कहा,

“जो खुद को संविधान का रक्षक कहते हैं, उन्हें यह तक नहीं पता कि राज्य संसद द्वारा पारित कानून को निरस्त नहीं कर सकता।”


“बिहार ने अंधकार से उजाले की ओर कदम बढ़ाया”

नालंदा जिले के बख्तियारपुर में आयोजित एक अन्य सभा में नड्डा ने कहा कि बिहार का विकास एनडीए सरकार के कार्यकाल में तेज़ी से हुआ है।
उन्होंने कहा,

“2005 से पहले बिहार अंधकार के युग में था, आज हर ओर प्रकाश है। बिहार अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि अग्रणी राज्यों में शामिल है।”


विकास की नई पहचान: हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और हवाई अड्डे

नड्डा ने कहा कि बिहार में HIRA (Highway, Internet, Railway, Airport) विकास की पहचान बन चुका है।
उन्होंने बताया कि बिहार का रेलवे बजट नौ गुना बढ़ा है और अब राज्य से 20 वंदे भारत एक्सप्रेस और 26 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 98 रेलवे स्टेशन का निर्माण या नवीनीकरण किया गया है और जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 1200 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है।

नड्डा ने वादा किया कि एनडीए सरकार दोबारा सत्ता में आई तो बिहटा में विश्वस्तरीय हवाई अड्डा बनेगा, जिससे राज्य में हवाई अड्डों की संख्या पाँच हो जाएगी।


युवा आयोग और रोजगार की दिशा में प्रयास

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में युवाओं के हित में एक युवा आयोग गठित किया गया है।
उन्होंने कहा,

“हम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। अच्छे दिन अब दिख रहे हैं, क्योंकि बुरे दिन पीछे छूट चुके हैं।”


‘जंगलराज’ की याद दिलाई

नड्डा ने कहा कि राजद शासनकाल में बिहार में अपराध और अपहरण का उद्योग पनप गया था।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के शासन में भय और अराजकता थी, जहाँ आम जनता असुरक्षित महसूस करती थी।
उन्होंने यह भी कहा कि 2003 की ‘लाठी रैली’ को जनता अभी तक नहीं भूली है।


“जिनके परिवार जेलों में रहे, वे जनता की सेवा नहीं कर सकते”

नड्डा ने यह आरोप लगाया कि राजद ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिनके परिवार अपराध और जेल से जुड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा,

“जिनके पूरे परिवार जेल जा चुके हैं और ज़मानत पर बाहर हैं, वे बिहार की जनता की सेवा नहीं कर सकते।”

नड्डा ने अपने संबोधन में भाजपा के विकास मॉडल को जनता के सामने रखा और विपक्ष को नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठने की सलाह दी।
बिहार के चुनावी माहौल में यह बयान भाजपा की रणनीति को मजबूत करने वाला माना जा रहा है, जहाँ भाजपा “विकास बनाम अपमान” की रेखा खींचने का प्रयास कर रही है।


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।