Ramapatti Kand में सियासी घमासान: मुकेश सहनी का मंत्री जीवेश मिश्रा पर सीधा निशाना
दरभंगा(Darbhanga) ज़िले के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र का Ramapatti Kand अब बिहार की राजनीति में ताज़ा भूचाल लेकर आया है। यूट्यूबर दिलीप साहनी के साथ कथित मारपीट और धमकी का आरोप सीधे मंत्री जीवेश मिश्रा और उनके सहयोगियों पर लगा है। यह विवाद अब सिर्फ स्थानीय मुद्दा नहीं रहा, बल्कि पूरे मिथिला क्षेत्र और राज्य की राजनीति में गर्म चर्चा का विषय बन गया है।
शनिवार को वीआईपी सुप्रीमो और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी खुद दिलीप साहनी के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जनता से सवाल पूछना कोई अपराध नहीं है। सहनी ने मंत्री पर सीधा हमला करते हुए कहा – “जो जनता का अपमान करेगा, वह जनप्रतिनिधि होकर भी गुंडा कहलाएगा। जनता इसका जवाब चुनाव में जरूर देगी।”
राजनीति में नया घमासान
Ramapatti Kand ने राजनीतिक खेमों को हिला कर रख दिया है। सहनी ने जिस तरह से मिश्रा पर हमला बोला, उसने न केवल एनडीए बल्कि विपक्षी दलों को भी सक्रिय कर दिया है। लंबे समय से पिछड़े समाज और मछुआरा वर्ग की आवाज़ उठाने वाले सहनी इस मुद्दे को जनता के बीच खुद की सशक्त पहचान बनाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल
मुकेश सहनी ने सिर्फ मंत्री पर ही नहीं, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि Police Administration अब तक संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा और कार्रवाई से बच रहा है। सहनी ने चेतावनी दी – “अब न्याय केवल राजनीतिक और सामाजिक दबाव से ही संभव होगा।”
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मिथिला की राजनीति में हलचल
मिथिला हमेशा से बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। Ramapatti Kand ने इस क्षेत्र को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। जहां मंत्री जीवेश मिश्रा अपनी छवि बचाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं मुकेश सहनी इस मौके को पूरी तरह भुनाने में लगे हैं।
दिलीप साहनी जैसे स्थानीय यूट्यूबर पर हमले को जनता केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं मान रही, बल्कि इसे आवाज़ दबाने की कोशिश के रूप में देख रही है। इसीलिए विपक्षी खेमे और सामाजिक संगठन दोनों इस विवाद में खुलकर सामने आ रहे हैं।
चुनावी समीकरण पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Ramapatti Kand का असर आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों तक देखा जा सकता है। मिथिला के मतदाता हमेशा से जागरूक रहे हैं और वे नेताओं की छवि को अपने फैसले में महत्व देते हैं।
यदि सरकार और प्रशासन ने इस विवाद को गंभीरता से नहीं लिया तो मंत्री जीवेश मिश्रा की छवि को गहरा नुकसान हो सकता है। वहीं मुकेश सहनी इस विवाद को जनता के बीच अपनी राजनीतिक मजबूती दिखाने का बड़ा अवसर मान रहे हैं।
वेब स्टोरी:
नतीजा
Ramapatti Kand ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में कोई भी स्थानीय विवाद राज्य-स्तरीय मुद्दा बनने में देर नहीं लगाता। मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगे आरोप और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी का आक्रामक रुख आने वाले दिनों में सियासी समीकरण बदल सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता दिखाता है और जनता चुनाव में किसे अपना समर्थन देती है।