डेहरी में जनसंपर्क के दौरान RJD विधायक के खिलाफ उबाल
रोहतास जिले के डेहरी विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को जनसंपर्क करने पहुंचे राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह को जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। चिलबिला इलाके में आयोजित यह कार्यक्रम अचानक उस समय बवाल में बदल गया जब भीड़ में मौजूद कुछ युवकों ने “फतेह बहादुर मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए।
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, विधायक जैसे ही मंच की ओर बढ़े, नारेबाजी तेज हो गई। समर्थक और विरोधी गुटों के बीच कहासुनी ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया।
विरोधी युवक की चलती गाड़ी से फेंककर पिटाई
घटना का सबसे भयावह पहलू तब सामने आया जब एक विरोध करने वाले युवक को विधायक के समर्थकों ने पकड़ लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक को जबरन विधायक की गाड़ी में बैठाया गया और थोड़ी दूर जाने के बाद चलती गाड़ी से बाहर फेंक दिया गया।
गंभीर रूप से घायल युवक को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी नाजुक हालत देखते हुए उसे सासाराम रेफर कर दिया।
इस दौरान स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक विधायक अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ वहां से रवाना हो चुके थे।
जनता के गुस्से के पीछे पुराना विवाद
विधायक फतेह बहादुर सिंह पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने देवी दुर्गा और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा एक विवादास्पद बयान दिया था, जिससे लोगों में नाराज़गी फैल गई थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यही बयानबाजी आज के विरोध की मुख्य वजह बनी। कई स्थानीय संगठनों ने पहले से ही उनके खिलाफ नाराज़गी जताई थी और उनके जनसंपर्क अभियान का विरोध करने की चेतावनी दी थी।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
विरोध के बावजूद विधायक की सुरक्षा में इतनी चूक कैसे हुई?
क्या प्रशासन को पहले से संभावित विरोध की जानकारी थी?
इन सभी सवालों पर अभी तक किसी अधिकारी की ओर से औपचारिक बयान नहीं आया है।
हालांकि सूत्रों के अनुसार, जिला पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घटना के वायरल वीडियो की भी पड़ताल की जा रही है।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष का हमला
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने राजद विधायक पर “सत्ता के दुरुपयोग” का आरोप लगाया है।
भाजपा और जदयू नेताओं ने कहा कि “राजद की गुंडागर्दी” एक बार फिर सामने आई है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
वहीं राजद खेमे ने सफाई देते हुए कहा है कि “यह विरोध विपक्ष द्वारा प्रायोजित था” और विधायक पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
जनता में आक्रोश, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
घटना के बाद चिलबिला और आस-पास के इलाकों में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ समर्थक एक युवक को खींचते और पीटते दिख रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों।
कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
बिहार में लगातार बढ़ती राजनीतिक हिंसा और नेताओं के खिलाफ जनता के आक्रोश ने कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाएं जनभावनाओं को भड़काने का काम करती हैं और लोकतांत्रिक माहौल को नुकसान पहुंचाती हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनाव में भी गरमा सकता है।
निष्कर्ष
RJD विधायक फतेह बहादुर सिंह के खिलाफ यह विरोध केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि जनता के असंतोष की एक झलक है।
धार्मिक टिप्पणियों और राजनीतिक रुख से उपजा यह विवाद अब सड़क तक पहुंच गया है, जो बिहार की राजनीति में असहज स्थिति पैदा कर रहा है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और राजद नेतृत्व इस पूरे मामले में क्या कदम उठाते हैं।