सीतामढ़ी में चुनावी गर्मी बढ़ी, भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ विरोध के सुर तेज
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीतामढ़ी जिले के बथनाहा विधानसभा क्षेत्र में शनिवार देर शाम भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक अनिल राम को जनता के प्रचंड विरोध का सामना करना पड़ा। जैसे ही वे कन्हौली वार्ड नंबर 7 पहुंचे, ग्रामीणों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और “अनिल राम मुर्दाबाद”, “भाजपा वापस जाओ” जैसे नारों से माहौल गरमा दिया।
ग्रामीणों के इस विरोध से इलाके का माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। पुलिस को मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी।
जनता में नाराजगी क्यों? ग्रामीणों ने बताई अपनी पीड़ा
ग्रामीणों ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि क्षेत्र में विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं। लोगों के अनुसार,
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सड़कों की स्थिति बेहद खराब है,
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जलनिकासी की समस्या वर्षों से जस की तस है,
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बिजली की अनियमित आपूर्ति से परेशान हैं,
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और युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अनिल राम ने चुनाव के दौरान विकास के जो वादे किए थे, वे अभी तक पूरे नहीं हुए।
पुलिस ने संभाला हालात, शांत हुआ माहौल
जैसे-जैसे नारेबाजी बढ़ी, पुलिस प्रशासन हरकत में आया। स्थानीय थाने की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर भीड़ को समझाने की कोशिश की। पुलिस ने प्रत्याशी और समर्थकों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। काफी मशक्कत के बाद माहौल शांत कराया जा सका।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी कि चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा ने कहा – विपक्ष की साजिश, लेकिन जनता से करेंगे संवाद
घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह विरोध जनता का नहीं, बल्कि विपक्ष द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश है। पार्टी के प्रवक्ताओं ने बताया कि अनिल राम जनता के बीच जाकर संवाद जारी रखेंगे और सभी विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का वादा दोहराएंगे।
भाजपा समर्थकों ने कहा कि कुछ असंतुष्ट लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता का भरोसा अब भी एनडीए के साथ है।
बथनाहा सीट पर बढ़ा सियासी तनाव, माहौल पर नजरें
सीतामढ़ी का बथनाहा क्षेत्र इस चुनाव में हॉट सीट बन गया है। लगातार विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों से यहां का माहौल गरम है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अनिल राम अपने क्षेत्र की जनता को मनाने में सफल होते हैं या यह विरोध चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, जनता का मूड और नेताओं की परीक्षा दोनों तीव्र हो रहे हैं। सीतामढ़ी में भाजपा प्रत्याशी के विरोध ने यह संकेत दे दिया है कि मतदाता अब केवल वादों से नहीं, विकास के ठोस परिणामों से प्रभावित होंगे।