VVPAT Controversy 2025: सिवान में महाराजगंज विधानसभा की वीवीपैट पर्चियों पर हंगामा, प्रशासन पर उठे सवाल

VVPAT Controversy 2025:
VVPAT Controversy 2025: सिवान में महाराजगंज विधानसभा की वीवीपैट पर्चियों पर हंगामा, प्रशासन पर उठे सवाल
सिवान में महाराजगंज विधानसभा की वीवीपैट पर्चियां मिलने से हड़कंप मच गया है। घटना ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, जबकि जनता और विशेषज्ञ इस पर जवाब मांग रहे हैं कि आखिर यह चुनावी सामग्री यहाँ कैसे पहुँची।
नवम्बर 10, 2025

VVPAT Controversy 2025: महाराजगंज विधानसभा की वीवीपैट पर्चियां यहाँ कैसे पहुँचीं?

सिवान जिले में एक गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है जिसने प्रशासन से लेकर आम जनता तक को सोचने पर मजबूर कर दिया है। मौली के पठान इलाके में कुछ लोगों को महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र से संबंधित वीवीपैट (VVPAT) पर्चियां मिली हैं। यह खुलासा न केवल प्रशासनिक सतर्कता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया की गोपनीयता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है।

वीवीपैट पर्चियों का मिलना कैसे बना संदेह का विषय

स्थानीय लोगों के अनुसार, रविवार की सुबह कुछ बच्चों ने सड़क किनारे फेंकी हुई पर्चियां देखीं। जब उन्होंने गौर किया तो पता चला कि ये पर्चियां महाराजगंज विधानसभा की हैं। तुरंत इसकी सूचना गांव के मुखिया और स्थानीय पुलिस को दी गई। पर्चियों पर प्रत्याशियों के नाम साफ़ तौर पर दर्ज थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ये किसी मतदान केंद्र या मतगणना स्थल से संबंधित सामग्री है।

यहाँ सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि —
महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र की ये वीवीपैट पर्चियां आखिर सिवान में कैसे पहुंचीं?
क्या यह किसी कर्मचारी की लापरवाही है या फिर चुनावी सामग्री के प्रबंधन में बड़ी चूक?

प्रशासन ने कहा जांच जारी है

घटना की जानकारी मिलते ही सिवान प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और चुनाव आयोग को भी इसकी सूचना भेज दी गई है। प्रारंभिक तौर पर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह सामग्री किस रास्ते से यहाँ पहुँची।

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, “संभव है कि यह पर्चियां कचरे के साथ गलती से बाहर आ गई हों, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।”

जनता के मन में उठे सवाल और आक्रोश

गांव और आसपास के इलाकों में इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि चुनाव से जुड़ी गोपनीय पर्चियां खुले में मिल सकती हैं, तो मतदान की पारदर्शिता पर भरोसा कैसे किया जाए? कुछ लोगों ने इसे चुनावी गड़बड़ी का संकेत बताते हुए पुनः जांच की मांग की है।

महाराजगंज क्षेत्र के मतदाताओं ने यह भी कहा कि इस घटना ने पूरे चुनावी प्रक्रिया की साख को धक्का पहुँचाया है। “हम वोट डालते हैं विश्वास के साथ, लेकिन जब ऐसी चीजें सामने आती हैं तो भरोसा टूटता है,” एक स्थानीय मतदाता ने कहा।

विशेषज्ञों की राय: पारदर्शिता पर चोट

VVPAT Controversy 2025: चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं जनता के विश्वास को कमजोर करती हैं। वीवीपैट प्रणाली को पारदर्शिता के प्रतीक के रूप में पेश किया गया था ताकि मतदाता यह देख सकें कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है। परंतु यदि ऐसी पर्चियां मतदान केंद्रों से बाहर आ रही हैं, तो यह चुनाव प्रणाली की साख के लिए खतरा है।

कुछ पूर्व अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को वीवीपैट के भंडारण और परिवहन प्रक्रिया में सख्ती बढ़ानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।

प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती

सिवान प्रशासन अब इस घटना की गहराई से जांच करने की तैयारी में जुट गया है। टीम गठित कर यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि पर्चियां कब और कैसे निकलीं। यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी कर्मी की गलती से सामग्री गलत जगह चली गई या इसमें कोई जानबूझकर किया गया कृत्य शामिल है।

चुनाव आयोग से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही रिपोर्ट मांगेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी। हालांकि, फिलहाल जनता के बीच असमंजस और असंतोष का माहौल है।

सिवान में महाराजगंज विधानसभा की वीवीपैट पर्चियों का मिलना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था की परीक्षा है, बल्कि लोकतंत्र की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है। जब तक जांच स्पष्ट न हो जाए, यह मामला राजनीतिक चर्चाओं और जनसवालों का केंद्र बना रहेगा।

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