Bihar Elections 2025: बिहार की सियासत में तेजप्रताप का ‘हरा गमछा’ बयान बना चर्चा का केंद्र
Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर तेजप्रताप यादव अपने तीखे अंदाज और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। गया जिले के मानपुर प्रखंड के सनौत गांव में आयोजित एक जनसभा के दौरान मंच से उन्होंने जो कुछ कहा, उसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
‘हरे गमछे’ को देखकर भड़के तेजप्रताप ने कहा कि ‘जयचंदों ने मुझे घर से निकाला’, लेकिन अब वे जनता के बीच हैं और जनता ही उनका असली घर है।
Tej Pratap Yadav: जनशक्ति जनता दल की सभा में उमड़ी भीड़
शुक्रवार को तेजप्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सभा को संबोधित किया। सभा में भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने अपने नेता का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। मंच पर आते ही तेजप्रताप ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की शैली में सरकार पर जमकर प्रहार किया।
उन्होंने कहा – “प्रदेश की सरकार ने आम आदमी को पापड़ बेलने पर मजबूर कर दिया है। बेरोजगारी चरम पर है और जनता को लूटने का सिलसिला जारी है। जगह-जगह बहुरूपिए घूम रहे हैं, उनसे सतर्क रहना होगा।”
हरे गमछे को देखकर बदल गया मूड
Tej Pratap Yadav: सभा के दौरान जैसे ही उनकी नजर भीड़ में एक शख्स पर पड़ी, जिसके कंधे पर हरा गमछा था, उनका मूड अचानक बदल गया। उन्होंने माइक संभालते हुए कहा –
“अभी एगो हरा पार्टी वाला आ गया। जयचंदवा के पार्टी का। पांचगो जयचंदवा मिलकर हमरा घर से बाहर कर दिए। ई गमछा हटाओ।”
यह सुनते ही मंच के नीचे मौजूद भीड़ ठहाकों से गूंज उठी। तेजप्रताप ने आगे कहा –
“हम सलाम करते हैं उन जयचंदों को जिन्होंने हमें बाहर किया, क्योंकि आज हम जनता के बीच हैं। जनता ही हमारा घर है।”
‘हरे गमछे’ पर दोबारा टिप्पणी
Bihar Elections 2025: तेजप्रताप के भाषण के दौरान जब उन्होंने एक और व्यक्ति को हरे गमछे में देखा, तो वे फिर ठिठक गए। उन्होंने कहा –
“देखो, एक अउर जयचंदवा के पार्टी वाला आ गया। हरा-हरा गमछा लेकर। उतारो ई गमछा। यहां भगवान कृष्ण का पीला गमछा चलता है, समझे।”
भीड़ ने इस बात पर ज़ोरदार तालियां बजाईं और युवा कार्यकर्ता हंसते हुए जयकारे लगाने लगे।
Bihar Election 2025: तेजप्रताप के तेवर और भावनात्मक लहजा
पूरी सभा के दौरान तेजप्रताप बार-बार “जयचंद” शब्द दोहराते रहे। उनके भाषण में भावनात्मक जोश और व्यंग्य का मिश्रण झलकता रहा। उन्होंने खुद को “जनता का आदमी” बताते हुए कहा कि वे सत्ता या पद के मोह से ऊपर उठ चुके हैं।
उन्होंने कहा – “अब हमें किसी पद की जरूरत नहीं। जनता का प्यार ही सबसे बड़ा पद है। जिन जयचंदों ने हमें घर से निकाला, उन्होंने हमें और मजबूत बना दिया।”
राजनीतिक गलियारों में हलचल
Bihar Election 2025: तेजप्रताप यादव के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान न केवल उनके निजी भावनात्मक संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि राजद परिवार में मतभेदों की आंच अब भी ठंडी नहीं पड़ी है।
कई विपक्षी नेताओं ने इस बयान को “नाटक” बताया, जबकि समर्थकों ने इसे “तेजप्रताप की सच्चाई का इज़हार” कहा।
जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता
हालांकि विवादों के बावजूद तेजप्रताप यादव का जनता के बीच आकर्षण कायम है। उनकी खुली बोलचाल, तीखा व्यंग्य और पिता जैसे तेवर लोगों को आकर्षित करते हैं।
जनसभा के अंत में उन्होंने भीड़ से अपील की –
“हम जनता के बेटे हैं, आप सबका आशीर्वाद चाहिए ताकि बिहार में सच्ची राजनीति की शुरुआत हो सके।”
सभा के समापन पर तालियों और नारों की गूंज के बीच तेजप्रताप मंच से उतरे और भीड़ से घिर गए।
Tej Pratap Yadav: तेजप्रताप यादव का यह “हरा गमछा विवाद” भले ही एक क्षणिक घटना लगे, लेकिन इसने बिहार की सियासत में नया रंग भर दिया है।
उनका यह बयान न केवल राजनीतिक संदेश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे अब भी जनता से सीधे संवाद करने और अपने तरीके से राजनीति करने में यकीन रखते हैं।