बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में सीएम चेहरे पर खींचतान तेज
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) में सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं।
VIDEO | On Bihar elections, Congress leader Udit Raj (@Dr_Uditraj) says, “Tejashwi Yadav may be CM face for RJD but INDIA bloc’s CM face will be decided collectively.”
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/6YZwdsWIK1
— Press Trust of India (@PTI_News) October 7, 2025
कांग्रेस और राजद में ‘सीएम फेस’ पर मतभेद
राजद, लालू प्रसाद यादव के पुत्र और दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाना चाहती है।
परंतु, कांग्रेस पार्टी अब तक इस पर राज़ी नहीं हुई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने साफ कहा है कि तेजस्वी राजद के सीएम उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक के नहीं।
उदित राज का बयान बना चर्चा का विषय
उदित राज ने पीटीआई से बातचीत में कहा —
“वह राजद के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक का सीएम फेस सामूहिक रूप से तय किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी पार्टी के समर्थक अपने नेता को उम्मीदवार घोषित कर सकते हैं, लेकिन गठबंधन का फैसला कांग्रेस मुख्यालय में सामूहिक रूप से होगा।
यह बयान ऐसे समय आया है जब तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि “महागठबंधन बिना सीएम फेस घोषित किए चुनाव नहीं लड़ेगा।”
राहुल गांधी भी सवाल से बचे थे
इससे पहले भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जब तेजस्वी के सीएम उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने बात को टालते हुए कहा —
“इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दल बिना किसी तनाव के काम कर रहे हैं। हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और नतीजे अच्छे होंगे।”
हालांकि उस समय तेजस्वी यादव राहुल गांधी के बगल में ही बैठे थे, जिससे राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
तेजस्वी का अब तक का सियासी सफर
तेजस्वी यादव ने युवा नेता के रूप में बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।
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वे दो बार बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।
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2020 के विधानसभा चुनाव में राजद को मिली 75 सीटों का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है।
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लालू-राबड़ी की विरासत को संभालते हुए तेजस्वी आज महागठबंधन के सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक हैं।
परंतु कांग्रेस के लगातार सधे हुए इनकार से यह स्पष्ट है कि वह अभी तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं।
गठबंधन पर संकट के बादल
बिहार में महागठबंधन की राजनीति इस वक्त दोराहे पर है।
जहां एक ओर राजद नेतृत्व को लेकर मुखर है, वहीं कांग्रेस ‘सामूहिक नेतृत्व’ की बात कर रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह खींचतान आगे भी जारी रही, तो सीट बंटवारे और प्रचार रणनीति पर इसका गहरा असर पड़ेगा।