पटना (Patna), बिहार। बिहार की सियासत में सोशल मीडिया पोस्ट एक बार फिर से राजनीतिक बहस का नया केंद्र बन गया है। Leader of Opposition Tejashwi Yadav और केंद्रीय मंत्री Jitan Ram Manjhi के बीच तीखा जुबानी वार छिड़ गया है। दरअसल, तेजस्वी यादव ने अपने X (Twitter) हैंडल पर एक धार्मिक भाव से जुड़ा पोस्ट लिखा, जिसके बाद मांझी ने उन पर सीधा पलटवार कर दिया।
तेजस्वी यादव का पोस्ट
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा था:
“हे माँ, बिहार ने पिछले 20 वर्षों में गरीबी, पलायन, भुखमरी, अपराध, भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य की बेहाली सब कुछ सह लिया। अब बिहार को इस दुख से उबारिए। मुझे जनसेवा की शक्ति दीजिए ताकि हर घर में समृद्धि और खुशहाली ला सकूं और नया बिहार बना सकूं।”
तेजस्वी के इस पोस्ट को उनके समर्थकों ने सकारात्मक पहल बताया, लेकिन विपक्षी नेताओं ने इसे सीधा हमला मानते हुए सवाल खड़े कर दिए।
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मांझी का पलटवार
Bihar Chunav 2025: तेजस्वी यादव के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए Union Minister और HAM (Hindustani Awam Morcha) के नेता Jitan Ram Manjhi ने कहा कि तेजस्वी यादव को सबसे पहले देवी माँ से माफी मांगनी चाहिए।
मांझी ने आरोप लगाया कि “आपकी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माता जी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। अगर आपको सच में आस्था और नैतिकता की परवाह है, तो सबसे पहले इसके लिए क्षमा मांगें।”
Bihar Chunav 2025: विकास पर बहस
मांझी ने आगे बिहार के विकास को लेकर तेजस्वी पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“2005 से पहले जब आपके पिता (लालू प्रसाद यादव) की सरकार थी, तब जंगलराज था। हाईकोर्ट ने भी इसे जंगलराज कहा था। तब बिहार में सिर्फ 700 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, वह भी टिमटिमाती हुई। आज 8,400 मेगावाट बिजली है और घर-घर 24 घंटे बिजली मिल रही है। अब लालटेन का जमाना खत्म हो गया है।”
मांझी ने तंज कसा कि शायद यही वजह है कि तेजस्वी माता से प्रार्थना कर रहे हैं कि “लालटेन” फिर से जले। लेकिन जनता अब 24×7 बिजली सप्लाई चाहती है और उसे मिल भी रही है।
वेब स्टोरी:
सड़क और परिवहन का मुद्दा
Bihar Elections: बिहार में सड़क और परिवहन पर हुए बदलाव का जिक्र करते हुए मांझी ने कहा,
“आज राज्य के किसी भी कोने से लोग महज चार घंटे में पटना पहुंच जाते हैं, जबकि पहले आठ-आठ घंटे लगते थे। यह विकास क्या तेजस्वी यादव को नहीं दिखता? अगर यह सब नहीं दिख रहा, तो हम देवी माँ से प्रार्थना करते हैं कि तेजस्वी और कांग्रेस नेताओं को सद्बुद्धि मिले।”
प्रियंका गांधी की सभा पर टिप्पणी
इसी क्रम में मांझी ने 26 सितंबर को मोतिहारी में होने वाली Priyanka Gandhi Rally पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“लोकतंत्र में सबको आने-जाने और सभा करने की आजादी है। लेकिन अगर कांग्रेस और RJD नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी के प्रति अपमानजनक शब्द कहे गए हैं, तो प्रियंका गांधी को आकर इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए। यह राजनीति में एक शिष्टाचार होगा।”
राजनीतिक संदेश
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि Bihar Politics में NDA और विपक्षी गठबंधन के बीच बढ़ती तल्खी को दिखाता है। तेजस्वी जहां “नया बिहार” बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं मांझी और NDA नेता विकास के मौजूदा मॉडल को ही उनकी विफलता का जवाब मानते हैं।
तेजस्वी यादव और जीतन राम मांझी के बीच यह तकरार बिहार की राजनीतिक दिशा को और स्पष्ट करती है। एक तरफ विपक्षी खेमे का आरोप है कि विकास अधूरा और भ्रामक है, जबकि NDA नेता इसे अपनी उपलब्धियों के तौर पर जनता के सामने रख रहे हैं।
अब देखना होगा कि जनता किस नैरेटिव को ज्यादा महत्व देती है—तेजस्वी का “नया बिहार” या मांझी का “विकसित बिहार” का दावा।