Terrorist Arrest in Bihar: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल बॉर्डर के पास सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर आतंकवाद, नशे के अवैध कारोबार और जासूसी गतिविधियों से जुड़े गंभीर आरोप हैं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजबीर सिंह उर्फ फौजी के रूप में हुई है, जो भारतीय सेना का भगोड़ा जवान बताया जा रहा है और नार्को आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था।
यह गिरफ्तारी हरैया रक्सौल थाना पुलिस और पंजाब स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल की संयुक्त कार्रवाई में 18 दिसंबर को कस्टम चौक के पास की गई। इस ऑपरेशन को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि आरोपी के पास से भारी मात्रा में मादक पदार्थ और एक हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ है।
नेपाल के रास्ते फरार होने की फिराक में था आरोपी
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राजबीर सिंह नेपाल के रास्ते भारत से फरार होने की कोशिश कर रहा था। रक्सौल बॉर्डर का इस्तेमाल लंबे समय से तस्करी और अवैध गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है। इसी मार्ग से आरोपी सीमा पार करने की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने उसे दबोच लिया।
गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से करीब 500 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा एक हैंड ग्रेनेड का मिलना मामले को और भी गंभीर बना देता है।
पाकिस्तान स्थित हैंडलर से संपर्क का खुलासा
जांच एजेंसियों के अनुसार, राजबीर सिंह का संपर्क पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों से था। वह नार्को आतंकी मॉड्यूल के तहत भारत में नशे की खेप पहुंचाने और संवेदनशील जानकारियां साझा करने में शामिल था। यह कनेक्शन सामने आने के बाद एजेंसियों ने पूछताछ का दायरा और बढ़ा दिया है।
सूत्रों का कहना है कि आरोपी मोबाइल और अन्य माध्यमों से पाकिस्तान स्थित संपर्कों के साथ लगातार संपर्क में था। इस नेटवर्क के जरिए न केवल नशे की तस्करी बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाएं लीक किए जाने की आशंका भी जताई जा रही है।
सेना में सेवा और फिर अपराध की राह
राजबीर सिंह ने वर्ष 2011 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। शुरुआती वर्षों में उसकी सेवा को लेकर कोई गंभीर शिकायत सामने नहीं आई थी, लेकिन बाद के वर्षों में उसके संपर्क संदिग्ध तत्वों से बढ़ते चले गए।
अमृतसर ग्रामीण क्षेत्र के घरिंडा थाने में उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत जासूसी का मामला दर्ज है। इसी केस में नाम आने के बाद फरवरी 2025 से वह सेना से फरार चल रहा था। सेना से फरार होना और उसके बाद नार्को आतंकी गतिविधियों में शामिल होना, इस पूरे मामले को बेहद संवेदनशील बना देता है।
संयुक्त ऑपरेशन से मिली सफलता
हरैया रक्सौल पुलिस और पंजाब स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल की इस संयुक्त कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय का उदाहरण माना जा रहा है। खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए इस ऑपरेशन में आरोपी को बिना किसी बड़े नुकसान के गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद पंजाब पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ पंजाब ले लिया है, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि इस पूछताछ में नशे और आतंक के नेटवर्क से जुड़े कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
बिहार और सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर बिहार और नेपाल सीमा से लगे इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रक्सौल जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों का इस्तेमाल तस्कर और आतंकी नेटवर्क लंबे समय से करते आ रहे हैं। ऐसे में इस गिरफ्तारी को चेतावनी के साथ-साथ राहत के रूप में भी देखा जा रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि नार्को आतंकवाद केवल नशे का कारोबार नहीं, बल्कि यह आतंक को वित्तपोषित करने का एक बड़ा माध्यम बन चुका है। ऐसे मामलों में शामिल लोगों की गिरफ्तारी से न केवल नशे की आपूर्ति पर रोक लगती है, बल्कि आतंकी गतिविधियों की कमर भी टूटती है।
आगे की जांच पर टिकी निगाहें
अब इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आरोपी के नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। क्या यह मॉड्यूल सीमावर्ती इलाकों तक सीमित था या देश के अन्य हिस्सों में भी इसके तार जुड़े हैं, इसका खुलासा पूछताछ के बाद ही हो सकेगा।
राजबीर सिंह की गिरफ्तारी ने यह साफ कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।