मुरिया दरबार में अमित शाह का संदेश: आदिवासी संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्य
जगदलपुर/बस्तर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान 4 अक्टूबर को बस्तर के जगदलपुर में आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को अत्यंत आनंददायक बताया और कहा कि 1874 से लेकर आज तक मुरिया दरबार की सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्था और आदिवासी संस्कृति को बचाने का चिंतन वैश्विक धरोहर है।


मुरिया दरबार का लोकतांत्रिक महत्व
श्री शाह ने कहा कि मुरिया दरबार के लोकतांत्रिक मूल्य पूरे देश के लिए जानकारी और अनुसंधान का विषय हैं। इस कार्यक्रम में पूरे बस्तर संभाग से सभी मुखिया उपस्थित थे, और उन्होंने अपनी समस्याएँ मंत्री तक पहुँचाने का अवसर पाया। अमित शाह ने इसे आदिवासी संस्कृति और न्यायिक परंपराओं को संजोने वाली ऐतिहासिक परंपरा करार दिया।

अभिनंदन भोज और पारंपरिक व्यंजन
मुरिया दरबार में केंद्रीय गृह मंत्री ने मांझी-चालकी, मेम्बर एवं मेम्बरीन के साथ अभिनंदन भोज किया। इस भोज में क्षेत्रीय पारंपरिक व्यंजनों का समावेश किया गया, जिसकी अमित शाह ने खुले दिल से प्रशंसा की।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख अतिथि
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी, मंत्री केदार कश्यप, रामविचार नेताम, लक्ष्मी राजवाड़े, राजेश अग्रवाल, बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष एवं सांसद महेश कश्यप, भोजराज नाग, विधायक नीलकंठ टेकाम, आशाराम नेताम, विनायक गोयल, बस्तर के राजा कमलचंद्र भंजदेव, और मुरिया दरबार के मुखिया एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
